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सर्वश्रेष्ठ विधायक सम्मान समारोह
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि विधायकों के लिए विधानसभा ही सबसे अच्छी पाठशाला है जहां हम विधायी कार्यों से लेकर सभी तरह के नियम और प्रतिक्रियाओं को सीखते हैं। उन्होंने कहा कि जनता एक विधायक को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनकर भेजती है, ऐसे में विधायकों को जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए।
श्रीमती राजे मंगलवार को विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। सम्मानित होने वाले विधायकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार इन विधायकों ने संसदीय परम्पराओं का निर्वहन किया है, वह सभी के लिए प्रेरणादायी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष सदन में लोकतंत्र के दो पहिए होते हैं। इसलिए सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के साथी विधायकों के साथ हमारा व्यवहार समान रूप से सरल और मृदु होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पक्ष-प्रतिपक्ष की भावना से ऊपर उठकर ही सदन के विभिन्न सदस्यों को सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में चयन किया गया है।
समारोह में श्री शांतिलाल चपलोत को वर्ष 2003-04 के लिए, श्री भरत सिंह को 2007, श्री राजेन्द्र राठौड़ को 2009, श्री गुलाबचंद कटारिया को 2010, श्री अमराराम को 2011, श्रीमती सूर्यकांता व्यास को 2012, श्री राव राजेन्द्र सिंह को 2013, श्री माणिकचंद सुराणा को 2014, श्री जोगाराम पटेल को 2015, श्री गोविंद सिंह डोटासरा को 2016, श्री बृजेन्द्र सिंह ओला को 2017 तथा श्री अभिषेक मटोरिया को वर्ष 2018 के लिए सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में सम्मानित किया।

राजे ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ विधायक का सम्मान पाने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री शांतिलाल चपलोत ने सदैव विधानसभा अध्यक्ष के रूप में पद की गरिमा और शालीनता बढ़ाई है। इसी प्रकार पूर्वमंत्री श्री भरत सिंह ने अपनी ईमानदारी और बेदाग छवि के कारण विशेष पहचान बनाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान, प्रक्रिया नियमों तथा संसदीय परम्पराओं का गूढ़ ज्ञान रखने वाले श्री राजेन्द्र राठौड़ ने विधानसभा के सुचारू संचालन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं गृह मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने संसदीय परम्पराओं को ऊंचे आयाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि युवा विधायकों को श्री कटारिया से प्रेरणा लेनी चाहिए।
राजे ने कहा कि श्री अमराराम किसान और समाज के वंचित वर्गों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहते हैं। वरिष्ठ विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास ने भी सदन में सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन और महिला उत्थान के विषयों को प्रभावी तरीके से उठाया है। मुख्यमंत्री ने श्री राव राजेन्द्र सिंह को संसदीय विषयों का विशेषज्ञ बताते हुए कहा कि श्री सिंह ने पीठासीन अधिकारी के रूप में कई महत्त्वपूर्ण व्यवस्थाएं देकर संसदीय परम्पराओं को मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री माणिकचंद सुराणा वित्तीय विषयों की गहन जानकारी रखते हैं। श्री जोगाराम पटेल के बारे में श्रीमती राजे ने कहा कि उन्होंने सदन में एक प्रभावी वक्ता के रूप में पहचान बनाई है और सदन के नियमों तथा परम्पराओं का व्यावहारिक प्रयोग किया है। उन्होंने कहा श्री गोविंद सिंह डोटासरा सदन में अच्छे स्तर का वाद-विवाद करते हैं और प्रभावी ढंग से अपनी बात रखते हैं।

राजे ने श्री बृजेंद्र सिंह ओला को आम आदमी की समस्याओं को आवाज प्रदान करने वाला धीर-गम्भीर विधायक बताया। उन्होंने श्री अभिषेक मटोरिया को ओजस्वी वक्ता बताते हुए कहा कि श्री मटोरिया युवाओं की समस्याओं के लिए सदैव सजग रहते हैं। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने राज्यपाल कल्याण सिंह का संदेश पढ़ा। चुने गए सर्वश्रेष्ठ विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने प्रशस्ति पत्र, मुख्यमंत्री ने स्मृति चिन्ह, उपाध्यक्ष श्री राव राजेन्द्र सिंह ने गुलदस्ता, संसदीय कार्यमंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने श्रीफल तथा नेता प्रतिपक्ष श्री रामेश्वर लाल डूडी ने शाॅल भेंट कर सम्मानित किया।

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