जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार की ओर से बनाए गए पशु कु्ररता निवारण नियम 2017 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश मनीष भंडारी और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ ने यह आदेश कैनल क्लब आॅफ राजस्थान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में कहा गया कि राज्य का विषय होने के कारण केन्द्र सरकार को इस पर नियम बनाने की शक्ति नहीं है। इसके अलावा नियमों को अनुमोदन के लिए संसद के समक्ष भी नहीं रखा गया है। याचिका में यह भी कहा गया कि नए नियमों में कुत्ते बेचने वालो को भी ब्रीडर की श्रेणी में रखा गया है। जिसका विरोध करते हुए केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी आरडी रस्तोगी ने कहा कि यह विषय समवर्ती सूची में शामिल होने के कारण केन्द्र सरकार को इस पर नियम बनाने की शक्ति प्राप्त है। इसके अलावा ब्रीडर अपने व्यावसायिक फायदे के लिए साल में दो बार प्रजनन करा रहे हैं। जबकि पशु के स्वास्थ्य को देखते हुए साल में एक बार ही ब्रीडिंग कराई जानी चाहिए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।

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