BCR said in SC, will make the election by February 15

नयी दिल्ली. बार काउंसिल ऑफ इंडिया( बीसीआई) ने आज सांसदों एवं विधायकों को वकीलों के रूप में काम करने की मंजूरी देने का फैसला किया लेकिन कहा कि उच्च न्यायपालिका के किसी न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने वाले को उस अदालत में वकालत करने की मंजूरी नहीं होगी। बीसीआई के प्रमुख एवं वरिष्ठ वकील मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि बार काउंसिल ने‘‘ अधिकारों के दुरूपयोग’’ और किसी सांसद नहीं बल्कि वकीलों के‘‘ विशेषाधिकारों’’ पर रोक लगाने के लिए यह फैसला लिया।

मिश्रा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ बीसीआई इस अंतिम निष्कर्ष पर पहुंची है कि हम सांसदों, विधायकों को अदालतों में वकालत करने से रोक नहीं सकते या उन पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते लेकिन इसे लेकर एक अपवाद है। वकील- सांसद या वकील- विधायक, अगर वे उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग या पद से हटाने की कार्यवाही का प्रस्ताव लाते हैं तो उन्हें उस खास अदालत में वकालत करने की मंजूरी नहीं होगी। यह काउंसिल के अधिकतर सदस्यों का रूख है।’’

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर एक याचिका को लेकर12 मार्च को बीसीआई से जवाब मांगा था। याचिका में सांसदों या विधायकों के वकीलों के रूप में काम करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी है।

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