CCTV Camera

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अधीनस्थ अदालत व अधिकरणों में बिना आवाज रिकॉर्डिग वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने पर क्या कार्रवाई की गई। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार का क्या पक्ष रहा है। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश सफदरे आलम व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता त्रिभुवन नारायण सिंह ने अदालत को बताया कि सेवानिवृत्त आरएएस याचिकाकर्ता की पदोन्नति से जुड़ा मामला राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण में पिछले पांच साल से लंबित चल रहा है। इसके बावजूद भी अधिकरण ने सुनवाई पूरी नहीं की। वहीं अदालत के सामने आया कि अधिकरण में अपीलों पर देरी से सुनवाई होती है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रद्युमन्न बिष्ट के मामले में गत वर्ष 14 अगस्त को अधीनस्थ अदालतों और अधिकरणों में बिना आवाज रिकॉर्डिंग वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे।

जिससे इन अदालतों के पीठासीन अधिकारियों की कार्य शैली की जानकारी मिल सके। इसके बावजूद भी राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर अदालत ने राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है।

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