Maritim is Motitungari Ganesh idol, Ganesh Charturi
Maritim is Motitungari Ganesh idol, Ganesh Charturi

जयपुर। भगवान गणेश बुद्धी के देवता भी हैं। गणपति सभी को आनंद देने वाले देवता हैं । ऐसे देवता का उत्सव हमें शास्त्र के अनुसार मनाना चाहिएए तभी हम पर गणपति देवताकी कृपा होगी। आज हम शास्त्रानुसार गणेशोत्सव कैसे मनाएं एवं गणेशोत्सवके अनाचार कैसे बंद करेंए यह देखेंगे। श्री गणेशोत्सवकाल में नित्य की तुलना में पृथ्वी पर गणेशतत्त्व 1 सह िगुना अधिक कायज़्रत रहता है । इस काल में की गई श्री गणेशोपासना से गणेशतत्त्व का लाभ अधिक होता है।

गणेश चतुर्थी के दिन पूजाघर में गणपति की मूर्ति होते हुए भी नई मूर्ति लाते हैए इसका उद्देश्य है, श्री गणेश चतुर्थी के समय पृथ्वी पर गणेश-तरंगें अत्यधिक मात्रा में आती हैं। उनका आवाहन यदि पूजाघर में रखी गणपति की मूर्ति में किया जाए तो उसमें अत्यधिक शक्ति की निर्मित होगी । इस ऊर्जित मूर्ति की उत्साहपूवज़्क विस्तृत पूजा,अर्चना वर्षभर करना अत्यंत कठिन हो जाता है । उसके लिए कमज़्कांड के कडे बंधनों का पालन करना पडता है । इसलिए गणेश तरंगों के आवाहन के लिए नइज़् मूतिज़् उपयोग में लाई जाती है । तदुपरांत उसे विसजिज़्त किया जाता है ।

दूब और गुडहल के पुष्प ही क्यों घ् जिस मूतिज़् की हम पूजा करते हैंए उसके देवत्त्व में वृद्धि हो एवं चैतन्य के स्तर पर हमें या पूजक को उसका लाभ हो । इसलिए उस देवता को उनका तत्त्व अधिक से अधिक आकषिज़्त करनेवाली वस्तुएं चढाना उपयुक्त होता है । गुडहल के पुष्प में विद्यमान रंगकणों एवं गंधकणों के कारण ब्रह्मांडमंडल के गणेशतत्त्व के पवित्रक उसकी ओर आकषिज़्त होते हैं । इसलिए गणेशजी को गुडहल के पुष्प अपिज़्त होते है । दूवाज़् में गणेशतत्त्व आकषिज़्त करने की क्षमता सवाज़्धिक होती हैए अत: श्री गणेश को दूवाज़् भी चढाते है ।

-गणेश उत्सव में यह भूलकर भी ना करें
कागद की लुगदीसे बनाई गई मूतिज़् सबसे अधिक प्रदूषण करती हैण् इसलिए कि शास्त्रानुसार चिकनी मिट्टी की मूतिज़् लाएं । इस मूतिज़् में वातावरण में विद्यमान गणेश तरंगें आकषिज़्त करने की क्षमता अधिक होती है । वह क्षमता कागद में नहीं है । श्री गणेशजी को लाते समय सिनेमा के गीत लगाए जाते हैं। ऐसे गीत लगाने तथा उनकी तालपर चित्र.विचित्र हावभाव करते हुए नाचना अत्यंत अयोग्य है । ऐसेमें अनावश्यक बोलना तथा पटाखे लगाना भी अयोग्य है। हम देवताओंकी आरती करते हैं । आरती अथाज़्त भगवानको आतज़्तासे पुकारना । चिल्लाते हुए आरती करनाए बीचमें ही कोई शब्द ऊंचे स्वरमें एवं विचित्र आवाजमें बोलनाए सिनेमाके गीतोंकी चालपर आरती बोलना इत्यादि टालें। नैसगिज़्क रंगोंका उपयोग की हुई मूतिज़्का ही उपयोग करेंय वह इसलिए कि इसीसे पयाज़्वरणकी रक्षा होगी । श्री गणेशजी की मूतिज़् चित्रण्विचित्र आकारोंमें न बनाकर उनका जो मूल रूप हैए उसी रूपमें मूतिज़् लाएं । सिनेमा के गीतोंपर नृत्य करनाए सिनेमाके गीतण्गायनके कायज़्क्रमए संगीत कुसीज़् इत्यादि कायज़्क्रम न रखते हुए गणपति स्तोत्रपठनकी स्पधाज़् आयोजित करें ।

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