Blacklist case

जयपुर। 1983-85 के दौरान केवल गरीबों के लिए आंवटित किये जाने वाले कन्ट्रोंल कपडे को फर्जी दस्तावेंजों से भारत सरकार की टैक्सटाईल मीलों से प्राप्त कर कालाबाजारी करने के मामले में जयपुर जिले की सीजेएम कोर्ट में जज ईसरार खोखर ने अभियुक्त व्यवसायी पवन कुमार अग्रवाल निवासी विकरोली-मुम्बई को एक साल की सश्रम जेल एवं 20 हजार रुपए के जुर्मानें की सजा से दण्डित किया है। इस मामले में आरोपी पवन कुमार के भाई रामवतार अग्रवाल एवं एक अन्य चरण सहगल की ट्रायल के दौरान मौत होने पर कोर्ट ने उनके खिलाफ कार्यवाही पहले ही ड्रॉप कर दी थी। कोर्ट ने पवन को आवश्यक वस्तु एक्ट 1955 की धारा 3/7 एवं 8/7 में दोषी मानते हुए 1-1 वर्ष, जो एक साथ भुगती जाएगी एवं 10-10 हजार रुपए की सजा सुनाई।

राजस्थान के तत्कालीन डिप्टी फूड कमिश्नर जेपी विमल की शिकायत पर सीबीआई ने 30 दिसम्बर, 1988 को मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई के अनुसार राज्यों को कन्ट्रोंल कपडा आवंटन के लिए टैक्सटाईल कमिश्नर, भारत सरकार, बम्बई के द्बारा अधिकृत मीलों से कपडा उठाया जाता था। इस कपडे के व्यापार की किसी को अनुमति नहीं थी। अभियुक्तगण ने कमिश्नर के स्टाफ से मिलीभगत कर कन्ट्रोंल कपडे की 7,28,000 रुपए की 208 गांठें सीधे ही एनटीसी मीलों से उठा कर दिल्ली के ब्लेकमार्केट में बेच दिया था। सीबीआई के वकील दिनेश शर्मा ने बताया कि इस मामले में अभियुक्तों को फर्जी दस्तावेज बनाने के जुर्म में 2013 में भी सजा हुई थी।

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