Under, pressure, pm narendra Modi, central government, SC-ST act, restored, old provisions
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जयपुर। सवर्णो की अपेक्षा कर एससी / एसटी एक्ट कानून का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है और इसके विरोध के साथ सवर्ण समुदाय एकजुट होकर इस खिलाफ लामबंद होने लगा गई। अभी हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने ससंद में एससी / एसटी एक्ट कानून में संसोधन कर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को दरकिनार करते हुए सवर्ण समुदाय की अपेक्षा करते हुए आरक्षण को महत्वकांशा को बढ़ावा दिया है जिससे देशभर का सवर्ण समुदाय आहात हुआ है.

केंद्र सरकार की इस कार्यवाही के बाद देशभर का सवर्ण समुदाय अपने हुई देश में सरकार द्वारा किये जा रहे व्यवहार में सौतेलापन देख रहा है जिससे सवर्ण समुदाय में काफी रोष है।सरकार के एकतरफा निर्णय से आहात होकर राजस्थान प्रदेश की राजधानी जयपुर शहर में आरक्षण सिर्फ एक बार ” आंदोलन ” की शुरुवात करते हुए नविन संगठन का निर्माण डॉ महावीर सिंह नाथावत के निर्देशन में किया गया है जिसे आर्थिक आरक्षण विचार मंच नाम दिया गया है। यह संगठन फ़िलहाल राजस्थान प्रदेश में अपनी जड़े मजबूत करेगा और प्रदेश के सभी गाँवो, कस्बो और शहरो में संगठन का निर्माण करेगा एवं इस संगठन के माध्यम से प्रदेशभर में जनजागृति अभियान चलाया जायेगा और प्रदेशभर के लोगो को जोड़ा जायेगा।

बुधवार 15 अगस्त को इस संगठन की औपचारिक शुरुवात एसएमएस हॉस्पिटल के नजदीक स्थित जीएम एक्सरे वाली बिल्डिंग के दितीय तल पर कार्यालय के उद्धघाटन के साथ शुरू हुआ। इस दौरान संगठन के सभी संस्थापक सदस्य उपस्थित रहे और पूरी मजबूती के साथ संगठन निर्माण में सहभागिता का संकल्प लेकर देश में आरक्षण सिर्फ एक बार को लागु करवाने का भी संकल्प लिया।

संगठन संस्थापक सदस्य डॉ महावीर सिंह नाथावत ने बताया की आज देश को आरक्षण की नहीं आरक्षण को समझने और जरुरतमंदो को काम में आने की जरुरत है, वर्तमान की आरक्षण कार्य प्रणाली बताती है की आरक्षण लागु होने के वर्षो पश्चात् भी पिछड़े समुदायों का विकास नहीं हो पाया है जिसके चलते आज तक आरक्षण लागु है यह आरक्षण देश में नफरत का जहर झोल रहा है जिससे सभी समुदाय प्रभावित हो रहे है और राजनीती लोग अपनी वोट बैंक की रोटियां शेक रहे है। देश के प्रत्येक नागरिक समझना होगा की आरक्षण देश के विकास में सबसे अहम् रोड़ा है, जो काबिलियत और आर्थिक रूप से कमजोर लोगो का शोषण कर देश के विकास को बर्बाद कर रहा है। कुछ राजनितिक लोग वोट बैंक और राजनीती को बढ़ावा देने के चलते आरक्षण का राजनीतिकरण कर रहे है। जिससे देश नफरत की आग ले झुलस रहा है और इसकी चपेट में केवल और केवल जरूरतमंद और काबिल की काबिलियत का शोषण हो रहा है। इन्ही बातो को ध्यान में रखकर और सभी समुदायों को एक सामान मानते हुए केंद्र सरकार और राज्यों की सरकार से मांग के साथ आरक्षण सिर्फ एक बार ” आंदोलन ” की शुरुवात की जा रही है। जिसमे सभी समुदायों के लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर है उन सब को और जो पिछडे है उन सबको आरक्षण का लाभ मिले, देश और समाज के मुख्य दायरे में शामिल हो सके को लेकर यह आंदोलन 15 अगस्त से शुरू किया गया है।

मिडिया प्रभारी अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया की आर्थिक आरक्षण मंच का एकमात्र लक्ष्य देश में रह रहे सभी समुदायों के आर्थिक पिछड़े लोगो को आर्थिक मदद मिल सके, समाज के मुख्य दायरे में शामिल हो सके का रहेगा। संगठन किसी समुदाय के खिलाफ या आरक्षण के खिलाफ नहीं बल्कि एक देश एक मदद के नारे के साथ आरक्षण सिर्फ एक बार जिसमे कोई किसी भी मदद इस आरक्षण के माधयम से एक बार ले सकता है चाहे वह शिक्षा, चिकित्सा, व्यवसाय, नौकरी ही क्यों ना हो आरक्षण सिर्फ मिले एक बार आधारित है। संगठन की शुरुवात प्रदेश के 500 से अधिक लोगो से की गई है और सभी को संगठन का संस्थापक सदस्य बनाया गया है। इस माह के अंत तक सभी संस्थापक सदस्यों की बैठक कर समिति का गठन कर दिया जायेगा और प्रदेश में आंदोलन की शुरुवात जनजागृति अभियान के साथ प्रारम्भ कर दी जाएगी। आर्थिक आरक्षण विचार मंच के संस्थापक सदस्य गिरीश शर्मा ने बताया की देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से संगठन को गहरा आघात लगा है, देश ने एक ऐसे मिलनसार नेतृत्व को खो दिया जिनकी आपूर्ति करना अब कभी संभव नहीं होगा। उनकी नेतृत्व समता का आंकलन इसी बात से लगाया जा सकता है की वह अपने विरोधियो के भी दिलो में अटूट जगह रखते थे। देश ने एक ऐसे व्यक्तित्व को खो दिया जिनकी भरपाई अब संभव नहीं है।
संस्थापक सदस्य जयश्री शर्मा ने बताया की आर्थिक आरक्षण मंच देश के पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति मिले की प्रार्थना करता है।

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