नई दिल्ली। भारत की शान समझे जाने वाले कोहिनूर हीरे के मामले में सुप्रीम कोर्ट केन्द्र सरकार के जवाब से पूरी तरह संतुष्ठ नजर आया। इसी को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने यहां चल रही सुनवाई को बंद कर दिया। कोर्ट में कोहिनूर हीरे को ब्रिटेन से वापस लाने को लेकर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केन्द्र के जवाब से संतुष्ठ हैं कि सरकार प्रयास कर रही है। इसलिए इस मामले में कोर्ट को आगे सुनवाई की जरुरत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हम हैरान हैं कि आखिर किस तरह की याचिकाएं दाखिल की जाती है। हम ब्रिटेन में होने वाली नीलामी को कैसे रोक सकते हैं या किसी दूसरे को ऐसे आदेश कैसे दे सकते हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष सिंतबर माह में केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर एक हलफनामा दाखिल किया था। जिसमें कहा गया था कि कोहिनूर हीरा भारत का है। ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे धोखे से जब्त कर लिया था, उस समय महाराजा दिलीप सिंह नाबालिग थे। 105 कैरेट के कोहिनूर हीरे को ब्रिटेन की महारानी को तोहफे में नहीं दिया गया था। वरन उन्हें इस मामले में विवश किया गया था। इसके संबंध में पुराने दस्तावेज यह बताते हैं कि केन्द्र को इस मुद्दे पर अन्तर्राष्ट्रीय फोरम जाना चाहिए व कोहिनूर को वापस भारत लाया जाना चाहिए। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि कोहिनूर का मामला गंभीर है। केन्द्र सरकार को इस मामले में ठोस सुझाव के साथ कोर्ट में आना चाहिए। हालांकि देखा जाए तो भारत और ब्रिटेन दोनों ही यूनोस्को संधि से बंधे हुए हैं। कोहिनूर के मामले में भारत अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट नहीं जा सकता। इसके पीछे कारण यह भी है कि इस संधि से पहले ही कोहिनूर को भारत से ले जाया जा चुका था।

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