Blacklist case

जयपुर । पटाखों का लाईसेंस देने के बदले 3 दुकानदारों से 15 साल पहले 26 अक्टूबर, 2002 को 300 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गये एडीएम सिटी फस्र्ट नोर्थ ऑफिस में तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक अमित गुप्ता निवासी खजानों वालों का रास्ता, चांदपोल बाजार, जयपुर को अब एसीबी कोर्ट-1 में जज बलजीत सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण एक्ट-1988 की धारा 7 और धारा 13/1/डी/2 के अपराध में दोषी मानते हुए एक-एक साल के कठोर कारावास एवं 5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी चपरासी रामनिवास फूलवारिया को बरी कर दिया।

यह था मामला:-
सेन कॉलोनी, स्टेशन रोड निवासी रामगोपाल शर्मा ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी कि दीपावली पर पटाख्ों बेचने के लिए आवेदन किया था। 24 अक्टूबर, 2002 को निर्धारित राशि 15० रुपए जमा कराते समय बाबू ने 10-10 रुपए अतिरिक्त लिये थे और अब लाईसेंस देने के बदले 100-100 और मांग रहा है। मेरे अलावा उसने पुरुषोत्तम एवं ओमप्रकाश से भी राशि मांगी है। अमित ने कहा था कि तीनों के 300 रुपए देने पर ही लाईसेंस मिलेगा। चपरासी भी 100-100 मांग रहा है। एसीबी ने रंगे हाथ 300 रुपए का ट्रेप कर 28 अक्टूबर, 2002 को एफआईआर दर्ज कर 8 जून, 2004 को चालान पेश किया था।

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