जयपुर। गैंगस्टर राजू ठेहट अब जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। राजू ठेहट को शेखावाटी के एक चर्चित विजयपाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा कोर्ट ने सुनाई है। कोर्ट ने राजू ठेहट के एक साथी मोहन मांडोता को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। राजू ठेहट पहले से ही कुछ साल से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है। उस पर दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे है, जिनमें फैसला आना बाकी है।

अपर जिला व सत्र न्यायाधीश क्रम चार सीकर के न्यायाधीश सुरेन्द्र पुरोहित ने दोनों को यह सजा सुनाई है। 23 जून, 2005 को राजू ठेहट, मोहन मांडोता व आठ-दस जनों ने विजय पाल को घेरकर लाठी व सरियों से मारा पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। विजय पाल का साथी भंवर लाल गंभीर घायल हो गया था। पुलिस ने दोनों को अरेस्ट करके चालान पेश किया। कोर्ट ने हत्या में दोनों का हाथ मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। गौरतलब है कि शेखावाटी में आनन्दपाल व राजू ठेहट की दो बड़ी गैंग सक्रिय है। आनन्दपाल के एनकाउंटर के बाद इस गैंग के अधिकांश सदस्य जेलों में बंद है। राजू ठेहट भी जेल में है। जेल में होने के बाद भी शेखावाटी में इन गिरोह के सदस्य आज भी सक्रिय है।

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