esaee bhartee pareeksha:

जयपुर। उधार की राशि देने के बाद भी खाली चेक व स्टाम्प पेपर में लाखों रुपए भरकर पीडित पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज करवाने वाले व्यवसायी के खिलाफ महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-18 जयपुर मेट्रो प्रवीण शंकर ने प्रसंज्ञान लिया है। कोर्ट ने वैशाली नगर थाने की एफआर को नामंजूर करके व्यवसायी रामेश्वर लाल गोयल पुत्र भूरामल गोयल दुकान नम्बर 181, जौहरी बाजार जयपुर के खिलाफ आईपीसी की धारा 5०6, 4०6, 467 व 471 के अन्तर्गत प्रसंज्ञान लेकर 15 जून को तलब किया है।

इस संबंध में राजेश कुमार सिन्धी ने कोर्ट के जरिए 2०13 में वैशाली नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद जांच पुलिस ने प्रकरण को झूठा मानकर कोर्ट में एफआर पेश कर दी थी। जिसे परिवादी ने अदालत में चुनौती दी। परिवादी के एडवोकेट अब्दुल वाहिद नकवी ने कोर्ट को बताया कि 2०11 में पीड़ित ने आरोपी रामेश्वर लाल गोयल कपड़ा व्यवसायी के नौकरी करते समय 1.5० लाख रुपए उधार लिए थे। सिक्योरिटी पेटे खाली हस्ताक्षरित चेक व स्टाम्प लिया था। वेतन नहीं बढ़ाने पर उसने नौकरी छोड़ दी। आरोप है कि व्यवसायी ने खाली स्टाम्प व चेक में मनमर्जी से लाखों रुपए की राशि भर ली और 12 अगस्त 2०13 को नोटिस देकर खाली चेक में 3.4० लाख रुपए भर कर रुपयों की मांग की। स्टाम्प में भी 2.9० लाख रुपए की राशि भरवा कर वसूली बाबत नोटिस भेजा था।

प्रोटेस्ट पिटीशन पर कोर्ट में हुए बयानों में गवाह जय प्रकाश सेनानी ने कहा कि पीड़ित ने डेढ़ लाख लिए थे और पूरी राशि अदा कर दी थी। 23 मार्च 2०11 को उसने भी खाली स्टाम्प पर गवाह के तौर पर साइन किए थे। दूसरे गवाह लक्ष्मण व रमेश सिंह ने भी बयान दिया कि अभियुक्त नौकरों को रुपए उधार देकर खाली चेक लेता है और डरा-धमका कर बंधक मजदूर बनाकर रखता है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि प्रकरण में आरोपी के विरुद्ध संदेहास्पद साक्ष्य विद्यमान हैं। तीनों गवाहों ने भी व्यवसायी के खिलाफ कोर्ट में बयान दिए हैं।

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