delhi.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बाइको लॉरी लिमिटेड बीएलएल, नेशनल जूट मैन्युफैक्चर्स कॉरपोरेशन लिमिटेड तथा इसकी सहायक कम्पनी बर्ड्स जूट एंड एक्स्पोर्ट्स लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी दी है। इस प्रक्रिया में कंपनी के कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना (वीआरएस)/ स्वैच्छिक वियोजन योजना (वीएसएस) शामिल है। सरकार के विस्तृत दिशा-निर्देशों के अनुरूप समस्त देनदारियों के निष्पादन के बाद बीएलएल की निष्क्रिय परिसंपत्तियों का उत्पादक उपयोग किया जाएगा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कंपनी को दोबारा चालू करने के लिए समय-समय पर विभिन्न कदम उठाए। बहरहाल, कंपनी को दोबारा चालू नहीं किया जा सका।

इसके अलावा भारी पूंजी आवश्यकता तथा प्रतिस्पर्धी व्यापारिक माहौल के मद्देनजर कंपनी को दोबारा चालू करने की कोई संभावना नजर नहीं आती। कंपनी को लगातार घाटा होता रहा, जिसके कारण उसे आगे चलाना नुकसानदेह हो गया था। इसके अतिरिक्त अनिश्चित भविष्य के कारण अधिकारियों और कर्मचारियों में निराशा पैदा हो रही थी।

पृष्ठभूमिः

बीएलएल अनुसूची ‘सी’ केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसई) है। इसमें तेल उद्योग विकास बोर्ड की इक्विटी 67.33 प्रतिशत और भारत सरकार की इक्विटी 32.33 प्रतिशत है। शेष 0.44 प्रतिशत हिस्सा अन्य के पास है। कंपनी का पंजीकृत कार्यालय और मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में है और इसके चार व्यापारिक प्रखंड हैं: स्विचगेयर मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिकल रिपेयर, प्रोजेक्ट्स डिविजन और ल्यूब ब्लेंडिंग एवं फिलिंग फेसिलिटी।

कंपनी लगातार वित्तीय दबाव में थी और कामकाज संबंधी समस्याओं से भी जूझ रही थी। पिछले कई वर्षों से कंपनी को घाटा हो रहा था। बीएलएल का संचित घाटा उसकी इक्विटी से अधिक हो गया था और शुद्ध संपत्ति ऋणात्मक हो गई थी। वित्त वर्ष 2017-18 के अंत तक कंपनी की शुद्ध संपत्ति (-) 78.88 करोड़ रुपये और 31 मार्च, 2018 को उसका संचित घाटा (-) 153.95 करोड़ रुपये था।
-नेशनल जूट मैन्युफैक्चर्स कॉरपोरेशन लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल जूट मैन्युफैक्चर्स कॉरपोरेशन लिमिटेड तथा इसकी सहायक कम्पनी बर्ड्स जूट एंड एक्स्पोर्ट्स लिमिटेड को बंद करने के लिएअपनी मंजूरी दे दी है।तयशुदा परिसंपत्तियों और चालू परिसंपत्तियों का निष्पादन 14/06/2018 के डीपीई के दिशा-निर्देशों के अनुसार होगा और देनदारियों को पूरा करने के बाद परिसंपत्तियों की बिक्री से हुई प्राप्तियां भारत की संचित निधि में जमा कराई जाएंगी।

14/06/2018 के डीपीई दिशा-निर्देशों के अनुसार परिसंपत्तियों के निष्पादन के लिए भूमि प्रबंधन एजेंसी (एलएमए) की सेवा ली जाएगी। एलएमए को निर्देश दिया जाएगा कि वह डीपीई दिशा-निर्देशों के अनुसार निष्पादन कार्य प्रारंभ करने से पहले परिसंपत्तियों का सम्पूर्ण रूप से सत्यापन करेगी।
वस्त्र मंत्रालय का बीजेईएल की किसी जमीन या भवन का उपयोग अपने लिए या अपनी किसी सार्वजनिक प्रतिष्ठान के लिए करने का प्रस्ताव नहीं है तथा इसकी सूचना भूमि प्रबंधन एजेंसी को प्रत्यक्ष रूप से दी जाएगी।

LEAVE A REPLY