Rajasthan

जयपुर: बीते वर्ष फिल्म पद्मावती को लेकर उठे विवाद, राजस्थान दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक, कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह की पुलिस मुठभेड़ में मौत और गायों की कथित तस्करी जैसे मुद्दों के कारण राजस्थान 2017 में पूरे साल सुर्खियों में बना रहा। प्रदेश में तीन बडे़ हादसों में 85 लोग भी मारे गये ।कुख्यात अपराधी आनंद पाल सिंह के जेलकर्मियों को गच्चा देकर भागने और कई दिनों बाद उसके पुलिस मुठभेड में मारे जाने की घटना प्रदेश की बड़ी खबरों में से है। इस घटना से कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठे। उसके अन्तिम संस्कार को लेकर भी सरकार बचाव मुद्रा में खड़ी दिखी । इस प्रकरण के चलते हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कथित गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई।

फिल्म निर्माता निदेशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की शूटिंग जनवरी में नाहरगढ़ किले के बाहर हो रही थी। 27 जनवरी को न केवल फिल्म के सेट तोड़ फोड़ की गई बल्कि भंसाली के साथ भी कथित दुर्व्यवहार किया गया। आहत भंसाली ने शूटिंग अन्य प्रदेश में की । पद्मावती को लेकर भंसाली को अभी राहत नहीं मिली है ।फिल्म में चितौड़गढ़ के ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर दिखाये जाने को लेकर राजपूत समाज और बाद में राजस्थान के पूर्व राजघराने, रियासतों के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर फिल्म निर्माता निदेशक पर हल्ला बोला। विवाद अभी भी जारी है।

राजस्थान सरकार की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता राजस्थान संशोधन विधेयक एवं इससे पहले इस सम्बध में लाये गये अध्यादेश को लेकर प्रदेश के साथ साथ देश के अन्य राज्यों में भी विरोधी स्वर उठे। अध्यादेश के माध्यम से मीडिया पर भी अंकुश लगाये जाने का आरोप लगा।राजस्थान विधानसभा में यह विधेयक पेश होने पर विपक्ष के साथ साथ सत्ताधारी भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने इसका विरोध किया । सदन के अंदर और बाहर हो रहे विरोध को देखते हुए गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया को यह विधेयक प्रवर समिति के पास भेजना पड़ा।

प्रदेश में 2017 में भी गुर्जर समेत पांच जातियों को आरक्षण का मुद्दा चर्चा में रहा। सरकार विधानसभा में पांचों जातियों को आरक्षण देने के लिए तय सीमा से बाहर भी गयी लेकिन अदालत के हस्तक्षेप के बाद उसे पीछे हटना पड़ा । राज्य सरकार ने पिछले दिनों गुर्जर समेत पांच जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग में एक प्रतिशत और आरक्षण देने का निर्णय किया जिसके बाद पांचों जातियों, विशेष तौर पर गुर्जर समाज का गुस्सा कुछ शांत हुआ है ।

राजसमंद जिले में एक समुदाय विशेष के व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर उसे जिंदा जला देने का वीडियो वायरल होने पर प्रदेश के कई इलाकों में तनाव फैल गया।कथित गौ तस्करी का मुद्दा भी प्रदेश में छाया रहा। अलवर जिले में पहलू खान नामक एक व्यक्ति की कथित हत्या और अलवर में ही पुलिस मुठभेड़ में एक कथित तस्कर की मौत की घटना सुर्खियों में रही ।

फिल्म अभिनेता सलमान खान को जोधपुर में काले हिरण के शिकार मामले तब राहत मिली जब जिले की अदालत ने उनको गलत धाराओं में मुकदमा चलाने के मामले में बरी कर दिया। प्रदेश में कुछ अंतराल के दौरान तीन बार हुई चिकित्सकों की हड़ताल से मरीज परेशान हो गए। चिकित्सकों ने इसके लिए सरकार पर और सरकार ने चिकित्सकों पर दोष मढ़ा।राज्य की भाजपा सरकार के लिए बीता साल सुकून भरा रहा। भाजपा ने धौलपुर उप चुनाव ऐतिहासिक मतों से जीता, वहीं राज्यसभा के चुनाव में भी भाजपा ही जीती।

भाजपा को अपने ही वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी के विरोध का सामना करना पड़ा । पार्टी ने तिवाड़ी को अनुशासन तोड़ने के लिए नोटिस भी दिया पर तिवाड़ी का विरोध दिन ब दिन तेज ही हो रहा है । बीते बरस जयपुर जिले के विराटनगर में एक विवाह कार्यक्रम के दौरान एक ट्रांसफार्मर में आग लगने से 21 लोग जल कर मर गये वहीं भरतपुर में एक मैरिज होम में दीवार गिरने से 25 लोगों की जान चली गई। साल के आखिर में बनास नदी में एक निजी बस गिर जाने से 38 लोगों की मौत भी जख्म दे गयी ।

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