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दिल्ली. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज शैक्षिक वर्ष 2019-20 से जवाहर नवोदय विद्यालय में 5000 सीटें बढ़ाने की घोषणा की। फिलहाल, प्रतिभावान ग्रामीण बच्‍चों के लिए आवासीय विद्यालयों – जवाहर नवोदय विद्यालयों में सीटों की संख्‍या 46600 है। जवाहर नवोदय विद्यालयों में 5000 सीटें बढ़ने से शैक्षिक वर्ष 2019-20 से सीटों की उपलब्‍धता 51000 हो जाएगी।
पिछले 4 वर्षों के दौरान जवाहर नवोदय विद्यालयों में 9000 सीटें बढ़ाई गई थीं और 5000 सीटें बढ़ने से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में 5 वर्षों में सरकार द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालयों में बढ़ाई गई सीटों की संख्‍या 14000 होगी। अगले 4 वर्षों में सरकार 32000 अतिरिक्‍त सीटें बढ़ाना चाहती है।

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। लगभग लागत मुक्‍त आवासीय विद्यालयों – जवाहर नवोदय विद्यालयों के इस अभूतपूर्व विस्‍तार से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान बच्‍चों को गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा प्राप्‍त करने के लिए और अधिक अवसर उपलब्‍ध होंगे।’
‘नवोदय’ अपने देश में एकमात्र ऐसी शिक्षा प्रणाली है, जिसमें छात्र छठी कक्षा में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं। वर्ष 2001 में 5.50 लाख इच्‍छुक छात्र छठी कक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए। बीते वर्षों में प्रवेश परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों की संख्‍या में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2019 के लिए प्रवेश परीक्षा में, इस प्रवेश परीक्षा के लिए 31.10 लाख छात्रों का पंजीकरण किया गया है।

मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि इससे गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा प्राप्‍त करने की दिशा में ग्रामीण बच्‍चों की आकांक्षाओं का पता चलने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्‍त नेतृत्‍व में इस आकांक्षा को पूरा करने की दिशा में सरकार के निरंतर प्रयासों का भी पता चलता है। श्री जावड़ेकर ने कहा कि सरकार काफी सक्रियतापूर्वक यह विचार कर रही है कि विभिन्‍न राज्‍यों में प्रत्‍येक नवसृजित जिलों में एक नवोदय विद्यालय की स्‍थापना की जाय।
नवोदय विद्यालय प्रणाली को एक अद्वितीय प्रयोग के रूप में शुरू किया गया था। यह भारत में और अन्‍यत्र भी, विद्यालय शिक्षा का एक बेजोड़ नमूना है। हजारों की संख्‍या में वंचित बच्‍चों के लिए यह सफलता का एक स्रोत बन गया है। पिछले 5 वर्षों में नवोदय विद्यालय ने 10वीं कक्षा और 12वीं कक्षा में 97 प्रतिशत से भी अधिक उत्‍तीर्णता प्रतिशत दर्ज की है, जिसमें से 86 प्रतिशत प्रथम श्रेणी से उत्‍तीर्ण हैं। यह परिणाम निजी स्‍कूलों और केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के राष्‍ट्रीय औसत से भी काफी बेहतर है।

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