Panama: Income Tax Department filed criminal cases under the Prevention of Money Laundering Act

नयी दिल्ली। विदेशों में कथित तौर पर अघोषित निवेश से संबंधी पनामा दकी जांच को आगे बढ़ाते हुए आयकर विभाग ने आधा दर्जन से अधिक भारतीय नामों के खिलाफ नए काले धन रोधी अधिनियम के तहत आपराधिक मुकदमें दर्ज किए हैं। इसके साथ ही उसने ऐसी इकाइयों की विदेशों में छुपा कर रखी गई संपत्ति का नए सिरे से मूल्यांकन भी शुरू किया है। अधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि पनामा की विधि सेवा कंपनी की लीक हुई कंप्यूटर फाइलों में भारत के जो नाम आए हैं उनमें से सात व्यक्तियों और इकाइयों की विदेशों में अघोषित धन – संपत्ति का पता चला है। विभाग ने उनके खिलाफ काला धन (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) और कराधान अधिनियम 2015 के तहत जांच शुरू की है। जांच से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कर विभाग ने इन इकायों आय के फिर से मूल्याकंन के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही उनके खिलाफ कर विभाग तथा बैंकिंग अधिकारियों के सामने अपनी विदेश में जमा धन संपत्तियों की जानकारी नहीं देने के आरोप में जल्द ही आपराधिक मुकदमा कामय कराएगा।

अघोषित विदेशी संपत्तियों के ये मामले विदेशों में धन सम्पत्ति छुपाने के खिलाफ कड़े प्रावधान वाले नए कानून के तहत लिए जा रहे पहले मामले हैं जहां आपराधिक प्रक्रिया संबंधी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही। इसमें अघोषित विदेशी सम्पत्ति पर 120 प्रतिशत जुर्माने के साथ 10 साल तक की कैद का भी प्रावधान है। सूत्रों ने विभिन्न देशों के साथ गोपनीयता के करार का हवाला देते हुए सातो इकाइयों की पहचान बताने से इनकार किया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल में कहा था कि पनामा पत्रावली से जुड़े मामलों की जांच में आयकर विभाग को अब तक 792 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्तियों की जानकारी मिली है। इन मामलों में जांच जोरों पर है।

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