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जयपुर/डूण्डलोद। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि जनसंवाद कार्यक्रम का मकसद है, अपनी मुख्यमंत्री के समक्ष लोग अपनी बात खुलकर रखें, अपनी समस्या बताएं और उसका हम मौके पर ही समाधान करें। राजे रविवार को डूण्डलोद के शेखावाटी पब्लिक स्कूल सभागार में मुख्यमंत्री जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ संवाद कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में जनसंवाद कार्यक्रम हुए हैं वहां के लोगों की समस्याएं मौके पर ही हल करने और बड़े कार्य बजट में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि हमें बजट बनाने से पहले पता चल सके कि जनता की अहम जरूरतें क्या हैं। संवेदनषील बनकर लोगों की तकलीफें समझें उन्होंने कहा कि अधिकारी जनता की परेषानी को समझें और संवेदनषीलता के साथ उनकी समस्याओं का निराकरण करें ताकि आमजन को इधर-उधर भटकना ना पड़े।

उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति अपनी समस्या लेकर आपके पास आए तो उसे संतुष्ट करने का पूरा प्रयास करें। उन्होंने अधिकारियों की ओर मुखातिब होकर कहा कि एक दिन जब आप भी रिटायर हो जाएंगे और आपको भी ऐसी ही परेषानियों का सामना करना पडे तो आपको कैसा महसूस होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए थोड़ी संवदेनषीलता दिखाएं और लोगों की तकलीफ समझें। राजे ने यह बात स्वच्छ भारत अभियान के तहत नवलगढ़ में निर्मित शौचालय की राषि वितरण में अनियमितता की षिकायतों के बाद कही। उन्होंने नगर पालिका की अधिषाषी अधिकारी को तुरंत ही षिकायत कर्ता के साथ मौके पर भेजा और षिकायतों की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देष दिए।ई-मित्र के औचक निरीक्षण करें अधिकारीई-मित्र कियोस्क संचालकों द्वारा भामाषाह सहित सरकारी योजनाओं से जुड़े दस्तावेज तैयार करने के लिए दुगुने-तिगुने चार्ज वसूलने एवं रेट लिस्ट नहीं लगाने की षिकायत पर नाराजगी दिखाई।

उन्होंने कहा कि ई-मित्र कियोस्क संचालकों द्वारा ऐसा किए जाने पर उनके खिलाफ सख्त एक्षन लिया जाए और अधिकारियों द्वारा समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जाए ताकि अनियमितता का पता चल सके।गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए सूची तैयार करें मुख्यमंत्री ने कुछ राजस्व गांवों के पंचायत मुख्यालय से सड़क के माध्यम से नहीं जुड़े होने की षिकायत पर अधिकारियों को निर्देष दिए कि ऐसे गांव जिनकी जनसंख्या 250 से ज्यादा और वे 2001 से राजस्व गांव हेने के बाद भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क से नहीं जुड़ पाए है उन्हें सड़क से जोडने के लिए सूची तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि यह सूची केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को पत्र के साथ भेजी जाए ताकि इन गांवों को सड़कों से जोड़ा जा सके। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता को दुरुस्त कराने योग्य सड़कों को सूचीबद्ध करने तथा प्राथमिकता के आधार पर उनके प्रस्ताव भिजवाने के निर्देष दिए।

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