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जयपुर, 22 सितम्बर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सभी विभागाध्यक्षों व उच्च अधिकारियों को निर्देश दिये है कि सूचना के अधिकार के अंतर्गत लम्बित प्रकरणों में राज्य लोक सूचना अधिकारियों पर अधिरोपित शास्ति एवं क्षतिपूर्ति राशि प्राथमिकता से वसूल करें। आर्य बुधवार को यहां शासन सचिवालय में वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग के सूचना अधिकार प्रकोष्ठ की आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहें थे। आर्य ने कहा कि विभागाध्यक्ष लम्बित प्रकरणों पर गंभीरता से कार्यवाही सुनिश्चित कर उन अधिकारियों से शास्ति व क्षतिपूर्ति राशि की वसूली करे जिनको राज्य सूचना आयोग द्वारा अधिरोपित किया गया है। उन्होंने विभागध्यक्षों को लम्बित प्रकरणों की निरंतर समीक्षा व निस्तारण के लिए प्राथमिकता से कार्ययोजना बनाने के आदेश भी दिए। उन्होंने मृतक और सेवानिवृत्त राज्य लोक सूचना अधिकारियों के प्रकरणों में शिथिलता देने के संबंध में प्रस्ताव राज्य सुचना आयोग को प्रेषित करने के संबंध में भी चर्चा की।
इस अवसर पर प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग के प्रमुख शासन सचिव अश्विनी भगत ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से वर्ष 2009-10 से वर्ष 2019-20 तक 43 विभागों में लम्बित प्रकरणों के बारें में मुख्य सचिव को अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग ने विभागों को सूचित किया है कि वे ऎसे प्रकरणों में शीघ्र संबंधित लोक सूचना अधिकारी के वेतन से कटौती कर राज्य सूचना आयोग को सूचना प्रेषित करें। बैठक में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत, राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री आनंद कुमार,नगर विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री कुंजीलाल मीणा, चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री वैभव गालरिया, स्वायत्त शासन विभाग के सचिव श्री भवानी सिंह देथा, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन, उर्जा विभाग के संयुक्त सचिव श्री आलोक रंजन सहित अन्य विभागों के उच्च अधिकारियों ने मुख्य सचिव को लम्बित प्रकरणों के निस्तारण की प्रगति से अवगत करवाया।

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