– वरिष्ठ आईएएस डॉ.सुबोध अग्रवाल, बीनू गुप्ता, सुधांश पंत का नाम भी सीएस की लिस्ट में।
– राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। राजस्थान की नौकरशाही के नए मुखिया का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। मुख्य सचिव निरंजन आर्य 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे पहले मुख्य सचिव की घोषणा हो जाएगी। नौकरशाही और सियासी क्षेत्रों में नए मुखिया के नामों को लेकर खूब चर्चा है, लेकिन इस रेस में चार नाम ही प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वरिष्ठता के आधार पर अतिरिक्त मुख्य सचिव बीनू गुप्ता, उषा शर्मा, डॉ.सुबोध अग्रवाल एवं पी.के.गोयल प्रदेश के नए मुख्य सचिव हो सकते हैं। हालांकि मुखिया की दौड़ में ओर भी वरिष्ठ आईएएस के नाम है, लेकिन वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए बीनू गुप्ता, उषा शर्मा, सुबोध अग्रवाल व पीके गोयल का नाम सबसे ऊपर है। वैसे सियासत में कुछ भी संभव है। इनके नामों के अलावा भी मुखिया हो सकता है। जैसे वरिष्ठता को लांघते हुए निरंजन आर्य मुख्य सचिव बन चुके हैं। ऐसे ही मुख्यमंत्री की नजरें इनायत जिस पर भी हो जाएगी, वह मुख्य सचिव हो जाएंगे।
– इसलिए है पीके गोयल व उषा शर्मा का नाम आगे
सियासी गलियारों में दो के नाम ही सबसे आगे है। एक अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा पी.के.गोयल और दूसरा उषा शर्मा का है, जो कुछ सालों से दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर है। उषा शर्मा दिल्ली में करीब एक दशक से है। उनके पति बीएम शर्मा भी रिटायर्ड आईएएस है और वे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के नजदीकी रिश्तेदार है। लम्बे समय से राज्य से बाहर होने के कारण उनके नाम को लेकर कोई विवाद नहीं है। उनकी छवि भी साफ-सुथरी रही। वरिष्ठता में सबसे ऊपर है। ऐसे में सरकार उनके नाम पर गंभीरता से विचार कर रही है। उधर, वरिष्ठ आईएएस पी.के.गोयल भी सरकार की पसंद के है। वे अनुशासित अफसर के रुप में जाने जाते हैं। प्रशासनिक दक्षता का लोहा कई बार दिखा चुके हैं। वे किसी तरह के विवादों में नहीं रहे हैं और ना ही किसी तरह के लांछन है। अच्छी प्रशासनिक दक्षता,  निष्पक्ष और ईमानदार कार्यशैली के कारण नौकरशाही में उनकी छवि अच्छी है। इन खूबियों के चलते वे मुख्यमंत्री की गुड बुक में भी है। वैसे भी पीके गोयल के रिटायरमेंट में आठ-दस महीने ही बचे हैं। ऐसे में सरकार उनके अनुभव को देखते हुए मुख्य सचिव बना सकती है। उषा शर्मा के रिटायरमेंट में करीब डेढ़ साल है। वहीं डॉ. सुबोध अग्रवाल तीन साल तक सर्विस में रहेंगे। हालांकि बीनू गुप्ता का रिटायरमेंट भी एक साल का बचा है। सरकार पीके गोयल की सेवानिवृत्ति को देखते हुए उन्हें प्रदेश का नया मुखिया बना सकती है और इसके बाद उषा शर्मा, बीनू गुप्ता और सुबोध अग्रवाल को मौका दे सकती है। देखना है कि किस्मत और भाग्य किसका प्रबल रहेगा। साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसे नए मुखिया का आशीर्वाद देंगे।
– आर्य राजनीति के सफर पर
सेवानिवृत्ति के बाद निरंजन आर्य राजनीति में प्रवेश करेंगे। हालांकि उनके आरपीएससी और अन्य संवैधानिक संस्था में चेयरमैन पद पर नियुक्ति हो सकती है। वैसे आर्य की रुचि राजनीति में है। उनका परिवार पाली में राजनीति रुप से सक्रिय है। गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से निरंजन आर्य की पत्नी को टिकट दिया था, लेकिन वह हार गई। वर्तमान में वह आरपीएससी सदस्य है।
– तेरह साल बाद फिर बन सकती है महिला सीएस
तेरह साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुशाल सिंह को प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया था। वह प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव बनी। तेरह साल बाद फिर से महिला मुख्य सचिव बन सकती है। उषा शर्मा व बीनू गुप्ता सीएस की कतार में है।

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