जयपुर। गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं होने की स्थिति में राज्य मानवाधिकार आयोग ने सख्त टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार को कहा कि परिवार वाले अंतिम संस्कार नहीं कराएं तो सरकार जिम्मेदारी निभाएं।

आयोग ने 24 घंटे के भीतर आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार करने कहा। आयोग ने मुख्य सचिव व गृह विभाग के प्रमुख सचिव को आदेश की एक प्रति देकर 20 जुलाई तक इसकी पालना रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा कि परिवार को नोटिस देने के बाद भी अंतिम संस्कार नहीं कराया है तो ऐसी स्थिति में सरकार को आगे आना चाहिए। बता दें राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने हाल ही इस मामले में स्वप्रेरणा प्रसंज्ञान लेते हुए आनंदपाल के शव के अंतिम संस्कार के मामले में गृह विभाग के सचिव से पूछा था। आयोग ने तर्क दिया कि

-मानव शरीर बाजार में बिकने वाली कोई वस्तु नहीं है। ऐसे में अंतिम क्रिया के अतिरिक्त अन्य किसी कार्य के लिए मृत शरीर को नहीं रखा जा सकता है।
-जीवित व्यक्ति को जिस तरह बंधक नहीं बनाया जा सकता, उसी तरह मृतक का तत्काल अंतिम संस्कार नहीं करना व उसे कब्जे में रखना कानूनन, सामाजिक मान्यता व शालीनता के खिलाफ है। ऐसी स्थिति में मृतक शरीर से दुर्गंध आने के साथ ही शरीर से चमड़ी उतरने लगी थी। फिर भी अंतिम संस्कार नहीं हो रहा है तो सरकार का दायित्व है।
– आयोग ने कहा कि कोख में आते ही मानव अधिकार जन्म ले लेते हैं तो मृत्यु के बाद भी मानवाधिकार रहता है। ऐसे में परिवारजन, सगे संबंधी या सामाजिक संस्था मृतक का अंतिम संस्कार करा सकती हैं। अन्यथा सरकार को जिम्मेदारी है।

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