जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच के लिए बुधवार को सांवराद में जुटे राजपूत समाज का आंदोलन हिंसा में बदल गया। देर रात तक पुलिस को उपद्रवियों से निपटने के लिए संघर्ष करना पड़ा। हिंसक भीड़ ने रेलवे ट्रेक उखाड़ दिए। सरकारी वाहनों में आग लगा दी। पुलिसकर्मियों-अफसरों पर हमले किए। फायरिंग में एक जने की मौत भी हो गई, हालांकि मारे गए युवक लालचंद शर्मा की मौत पुलिस की गोली से हुई या भीड़ में से दागी गोली से, यह जांच का विषय है। पुलिस का आरोप है कि भीड़ में से फायरिंग की गई, जिसके चलते लोग घायल हुए।

उधर, लिखित सहमति के बावजूद भडकाऊ भाषण देने और सभा हिंसा में तब्दील होने के चलते पुलिस ने देर रात आंदोलन की अगुवाई करने वाले राजपूत नेता लोकेन्द्र सिंह कालवी, सुखदेव सिंह गोगामेडी, पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, रणवीर सिंह गुढ़ा और गिर्राज सिंह लोटवाडा को हिरासत में ले लिया है। हालांकि बताया जाता है कि बाद में इन्हें छोड़ दिया गया। उधर, राजपूत नेताओं ने आरोप लगाया है कि राजस्थान सरकार पुलिस के डंडे व गोली के दम पर आंदोलन को दबाना चाहती है। आनन्दपाल का तो फर्जी एनकाउंटर हुआ, अब हुंकार रैली में आए एक जने लालचंद की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई। सरकार लाशों के ढेर पर राजनीति करना चाहती है। राजपूत नेताओं ने सीबीआई जांच समेत अन्य मांगों को लेकर आनन्दपाल के शव के साथ जयपुर कूच का आह्वान किया है।

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