पटना। पिछले दिनो बिहार की राजनीति में हुई उठापटक के बाद लालू और नीतीश में ठनी हुई है। लालू इस बात से आहत है कि नीतीश ने उन्हें धोखा देकर नरेन्द्र मोदी से हाथ मिला लिया। जबकि बिहार विधानसबा चुनावों में दोनों ने मिलकर मोदी के खिलाफ जीत हासिल की थी। मगर 20 माह बात नीतीश लालू का साथ छोड़ मोदी के साथ जिले मिले जिससे बिहारी की राजनीति गरमा गई। इसी कड़ी में लालू के बेटे तेजस्वीनी ने बिहार में 20 महीने में महागठबंधन टूटने और गठबंधन के नेता नीतीश कुमार के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर सरकार बनाए जाने को जनादेश का अपमान बताते हुए, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव अब जनादेश अपमान यात्रा का आगाज करने वाले हैं। राजद को जहां इस यात्रा से काफी उम्मीद है, वहीं भाजपा और जद (यू) इस यात्रा को लेकर तेजस्वी को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रही हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि बिहार में यह सरकार जनादेश के खिलाफ बनी है।

यहां भाजपा को सरकार चलाने के लिए जनादेश नहीं मिला था। उन्होंने कहा, जनादेश के अपमान को लेकर वर्तमान सरकार के खिलाफ जनादेश अपमान यात्रा नौ अगस्त को महात्मा गांधी की कर्म भूमि चंपारण से प्रारंभ होगी। इस यात्रा के दौरान लोगों को जनादेश के अपमान की जानकारी दी जाएगी। बिहार जनादेश का अपमान नहीं सहेगा। तेजस्वी नौ अगस्त की सुबह मोतिहारी में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर यात्रा की शुरुआत करेंगे। वह मोतिहारी से बेतिया के माधोपुर जाएंगे और वहां जनसभा सभा को संबोधित करेंगे। इस यात्रा के तहत तेजस्वी पूरे राज्य का दौरा करेंगे। इधर, जद (यू) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी को पदयात्रा की बजाए अदालत यात्रा की तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता जानना चाहती है कि खुद को गरीबों का तथाकथित नेता बताने वाला करोड़ों-अरबों की संपत्ति का मालिक कैसे बन बैठा है। उन्होंने कहा कि अब लालू परिवार को कानूनी लड़ाई से फुसर्त नहीं मिलने वाली है। भाजपा के प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि तेजस्वी को अब किसी यात्रा से पूर्व जेल यात्रा की तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान तेजस्वी क्या यह भी बताएंगे कि वह करोड़ों रुपए की संपत्ति के मालिक कैसे बन गए तथा उनके पास कितनी बेनामी संपत्ति है।

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