लखनऊ। नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली रैली के जरिए उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में यह साफ कर दिया कि अब बेईमानों की खैर नहीं है। रैली में उन्होंने गरीबों का मनोबल बढ़ाने के साथ भ्रष्टाचारियों के मनोबल को अपने शब्दों के जरिए तोड़ा। इशारों इशारों में जहां मायावती को कुछ समझाया. वहीं कांग्रेस को खुल्लम-खुल्ला जमकर धोया भी। मोदी ने कहा, गरीब चैन की नींद सो रहा। अमीर नींद की गोली खरीद रहा है। मुझे मालूम है कि आपको तकलीफ हो रही है। जब आप पुताई करवाओ तो दस दिन तक गंध रहती है ना, कोई भी अच्छा काम कराओ तो तकलीफ होती ही है। बस इरादा नेक होना चाहिए। बताइए मैं ये सब भलाई के लिए ही कर रहा हूं। कुछ राजनीतिक दल बहुत परेशान हैं। कुछ ऐसे हैं जिनकी नोटों के मालाओं से मुंडी भी नहीं दिखती थी। अब सब बराबर के हो गए हैं। नोटों की मालावालों को चुनाव की चिंता है। पर कुछ लोगों को ज्यादा तकलीफ हो रही है। मैं कांग्रेसियों से विशेष रूप से पूछना चाहता हूं वो कह रहे हैं कि जनता को दिक्कत हो रही है। जनता की चिंता करने वाली कांग्रेस ने तो 19 महीने आपातकाल लागू करके इस देश को जेलखाना बना दिया था। उस जमाने में पुलिस लोगों को उठाकर जेल ले जाती थी। जब मैं छोटा था तब लोग कहते थे कि मोदीजी कड़क चाय बनाना। मैंने कड़क चाय बनाई है। गरीब को कड़क पसंद है पर अमीर को नहीं। कांग्रेसियों ने तो चवन्नी बंद कर दी थी। ये बात अलग है कि आप चवन्नी के आगे चल नहीं पाते। आपने अपनी बराबर का काम किया और मैने अपनी बराबर का। बहनों जब तक तुम्हारा ये भाई जिंदा है। मेरी माताओं जब तक तुम्हारा ये लाड़ला जिंदा आपकी खून की कमाई पर कोई भी सरकारी अफ सर हाथ नहीं लगाएगा। मैं गरीबों को लूटने नहीं दूंगा। लोग आजकल गंगा में नोट डाल रहे हैं, पर उन्हें नहीं पता कि उनके पाप ऐसा करने से भी नहीं धुलेंगे।

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