जयपुर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज दीव में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गोवा, गुजरात के मुख्यमंत्री और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के प्रशासकों, गुजरात और महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्रियों, केन्द्रीय गृह सचिव, पश्चिमी क्षेत्र के सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव, सचिव, अंतरराज्यीय परिषद सचिवालय सहित केन्द्रीय और राज्यों के मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। ये पहली बार है कि पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की बैठक का आयोजन दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में किया है।

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने देश के सर्वांगीण विकास को प्राप्त करने के लिए 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत स्थापित क्षेत्रीय परिषदों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद का लाभ उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न का उल्लेख किया। .उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषदें एक या एक से अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केंद्र और राज्यों के बीच के मुद्दों पर संरचित तरीके से चर्चा करने के लिए मंच प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में, देश कोविड -19 महामारी से सफलतापूर्वक लड़ा और साथ ही प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता व राज्यों के सक्रिय भागीदारीसे देश में व्यापक कोविड टीकाकरण सुनिश्चित हो रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय के अंतरराज्यीय परिषद सचिवालय द्वारा अब राज्य सरकारों के सहयोग से विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की बैठकें नियमित रूप से बुलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में पिछले 8 वर्षों में, क्षेत्रीय परिषदों और इसकी स्थायी समितियों की बैठकों की संख्या में लगभग तीन गुना की वृद्धि हुई है। पिछले 8 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की 18 और उनकी स्थायी समितियों की 24 बैठकें हुई हैं, जबकि इन 8 वर्षों से पिछली समान अवधि में क्रमशः मात्र 6 और 8 बैठकें हुई थीं।

क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका की सराहना करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय परिषदें सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यों के बीच चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम सेएक समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती हैं। साथ ही क्षेत्रीय परिषद की बैठकों का उपयोग राज्य व संघ शासित प्रदेशों द्वारा अपनी-अपनी बेस्ट प्रैक्टिस को साझा करने के लिए किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सलाह दी कि प्रत्येक राज्य से सफलता की कहानियों और बैस्ट प्रैक्टिसेस को क्षेत्रीय परिषदों की स्थायी समितियों के सामने प्रस्तुत किया जाए इन्हें क्षेत्र के अन्य राज्यों /संघ शासित क्षेत्रों में अपनाने पर चर्चा हो।

पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 11 जून, 2022 को दीव में 25वीं बैठक और स्थायी समिति की 28 जनवरी, 2022 को पणजी में 12वीं बैठक में कुल 36 मुद्दों पर चर्चा की गई। इनमें से छह विषयों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण विषयों के रूप में चिन्हित किया गया है और इन पर विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में नियमित रूप से चर्चा हो रही है और इनकी मॉनीटरिंग भी की जा रही है। ये हैं- ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं में सुधार, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधों के मामलों की निगरानी, ​​ऐसे मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का कार्यान्वयन, समुद्र में समुद्री मछुआरों की पहचान का सत्यापन, समुद्रों में बड़े स्तर पर बचाव अभियान के लिए तटीय राज्यों द्वारा स्थानीय आकस्मिक योजना का विकास, और, सार्वजनिक खरीद में वरीयता के माध्यम से मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन। 25वीं पश्चिमी क्षेत्रीय परिषदमें जिन 30 विषयों पर चर्चा की गई, उनमें से 27 विषयों का समाधान निकाल लिया गया है और सिर्फ़ तीन विषय आगे और विचार-विमर्श के लिए बचे हैं। यह सहकारी संघवाद की भावना से राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के प्रति मोदी सरकार के संकल्प और कटिबद्धता को दर्शाता है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधों की जल्द से जल्द जांच और इन मामलों में समयबद्ध तरीके से कड़ी सजा की आवश्यकता पर बल दिया। शाह ने कहा कि प्रत्येक राज्य के पुलिस मुख्यालय में ऐसे सभी मामलों की जांच की निगरानी के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, संभव हो तो महिला अधिकारी, को जिम्मेदारी सौंपी जाए।

पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद ने अपनी पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों पर की गई कार्रवाई की भी समीक्षा की। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने समुद्री मछुआरों को क्यूआर कोड आधारित पीवीसी आधार कार्ड दिए जाने के मुद्दे पर हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए तटीय राज्यों से यह सुनिश्चित करने का प्रयास करने का आग्रह किया कि प्रवासी और मौसमी सहित सौ प्रतिशत समुद्र में जाने वाले मछुआरों के पास ऐसे आधार कार्ड होने चाहिएं जिनका सत्यापन आसानी से किया जा सके। सर्वसमावेशी स्थानीय आकस्मिक योजना की आवश्यकता और सामूहिक बचाव अभियान में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए अमित शाह ने तट के साथ स्थित मौजूदा बुनियादी ढांचों की पहचान करने और उन्हें आपदा निम्नीकरण योजनाओं के साथ एकीकृत करने की सलाह दी।

 

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