जयपुर। जयपुर के प्राचीन मंदिरों को तोडऩे के विरोध में 15 नवंबर को जयपुर बंद को भारी समर्थन मिल रहा है। प्रस्तावित जयपुर बंद के समर्थन व्यापारिक, सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक इकाईयां आगे आई है। राजपूत समाज, ब्राह्मण समाज के अलावा पूर्व जयपुर राजपरिवार ने भी इस मुद्दे को समर्थन दिया है। मंगलवार को धरोहर बचाओ समिति की ओर से प्रस्तावित जयपुर बंद को सफल बनाने के लिए कई टोलियां बनाई गई है। इसके अलावा व्यापार मण्डलों और व्यापारियों से भी सम्पर्क किया है। समिति के संरक्षक भारत शर्मा ने बताया कि बंद को अपूर्व समर्थन मिला है। सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक इकाईयों ने जयपुर शहर की पहचान प्राचीन मंदिरों की रक्षा के लिए जयपुर बंद को समर्थन दिया है और इन इकाईयों के कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी बंद में शामिल होंगे। राजपूत सभा भवन में राजपूत समाज के अलावा ब्राह्मण, वैश्य समेत दूसरे सामाजिक संगठन के सैकड़ों पदाधिकारियों की मौजूदगी में बंद कराने को लेकर रणनीति बनाई। सुबह से ही टोलियां बंद के समर्थन में बाजारों में घूमेंगी। गौरतलब है कि चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक रोजगारेश्वर समेत कई प्राचीन मंदिरों को जयपुर मेटो के नाम पर तोड़ दिया। लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली इन घटनाओं से जयपुरवासियों में खासा गुस्सा रहा। सरकार और प्रशासन ने फिर से मंदिर नहीं तोडऩे का आश्वासन दिया था, लेकिन बड़ी चौपड़ और उसके आगे के मंदिरों को हटाने की कार्रवाई से लोगों में फिर से गुस्सा है।

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