Muslim organizations linked Bill's plans on three divorces to Gujarat elections

नयी दिल्ली। तीन तलाक को खत्म करने के लिए विधेयक लाने की सरकार की योजना को ‘राजनीतिक स्टंट’ करार देते हुए देश के कुछ प्रमुख संगठनों ने आज आरोप लगाया कि ‘गुजरात विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने’ के लिए इस मामले को फिर खड़ा किया जा रहा है। सरकार की योजना को ‘राजनीतिक कदम’ करार देते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी ने कहा, ‘‘न्यायालय के फैसले के बाद कानून की कोई जरूरत नहीं थी। हमें लगता है कि सरकार इस मामले पर राजनीति कर रही है। यह राजनीतिक कदम है।’’ फारूकी ने कहा, ‘‘यह सब चुनाव (गुजरात विधानसभा के) में फायदा उठाने की कोशिश है।

मुस्लिम महिलाएं सबसे अधिक अशिक्षित हैं। सरकार इस बारे में कोई कानून क्यों नहीं लाती?’’ कई मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि समूह ‘ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत’ के अध्यक्ष नावेद हामिद ने आरोप लगाया, ‘‘विधेयक का प्रारूप जब सामने आएगा तो उसके बारे में बात करेंगे, लेकिन आज मैं यही कहूंगा कि यह एक राजनीतिक स्टंट है। गुजरात में चुनाव है और उसी के लिए ध्रुवीकरण का प्रयास हो रहा है।’’ जमीयत-उलेमा-हिंद के सचिव नियाज फारूकी ने कहा, ‘‘सरकार के कदम के बारे में मुझे विस्तृत जानकारी नहीं है, लेकिन मैं इतना कहूंगा कि तीन तलाक पर कानून की कोई जरूरत नहीं है।’’ सरकारी सूत्रों ने आज कहा कि तीन तलाक कहने की प्रथा को पूरी तरह खत्म करने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने पर विचार कर रही है और इस संदर्भ में एक मंत्री स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

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