जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के बिजलीघरों में कोयले की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य विद्युत उत्पादन निगम के कोयला आधारित विद्युतगृहों में कोयले का नियमानुसार भण्डारण किया जाए, ताकि प्रदेश में कहीं भी विद्युत उत्पादन में बाधा नहीं आए।
गहलोत शुक्रवार को ऊर्जा विभाग की बैठक में कोयले एवं विद्युत आपूर्ति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि कोयले की आपूर्ति एवं इसके शीघ्र उठाव के लिए अधिकारी केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों के स्तर पर नियमित समन्वय करें। इसके लिए केन्द्रीय कोयला मंत्रालय, रेल मंत्रालय तथा कोल इंडिया लिमिटेड से लगातार सम्पर्क बनाए रखा जाए। गहलोत ने कहा कि रेल मंत्रालय से रैक की संख्या बढ़ाने के प्रयास कर कोयला खदानों से कोयले का जल्द से जल्द उठाव सुनिश्चित किया जाए।
इस दौरान आगामी 6 माह में प्रदेश की विद्युत मांग एवं उपलब्धता पर भी चर्चा की गई। बैठक में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आयातित कोयले की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जहां एक वर्ष पूर्व आयातित कोयले की दर लगभग 87.5 डॉलर प्रति टन थी, वह गत माह बढ़ कर 220 डॉलर प्रति टन हो गई एवं वर्तमान में यह लगभग 440 डॉलर प्रति टन है।
बैठक में बताया गया कि यूक्रेन संकट के कारण आयातित कोयले की कीमत में हो रही वृद्धि के चलते घरेलू कोयले की मांग बढ़ती जा रही है। इससे बिजली उत्पादन की लागत में भी बढ़ोतरी हो रही है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा सुबोध अग्रवाल ने कोयले की उपलब्धता एवं इसके स्टॉक को बढ़ाने तथा खदानों से शीघ्र उठाव के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। बैठक में ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, डिस्कॉम्स चेयरमैन भास्कर ए सावंत, सचिव वित्त (व्यय) नरेश ठकराल सहित ऊर्जा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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