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जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भरतपुर-धौलपुर के जाटों को ओबीसी में नहीं मानते हुए नर्स ग्रेड द्वितीय के पद पर नियुक्ति नहीं देने पर मुख्य सचिव, प्रमुख चिकित्सा सचिव वीनू गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक राकेश  शर्मा और निदेशक वीके माथुर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश चन्द्रशेखर सिंह व अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2013 में नर्स ग्रेड-द्वितीय की भर्ती आयोजित की गई थी। हाईकोर्ट ने गत 13 दिसंबर को आदेश जारी कर कर भरतपुर-धौलपुर के जाटो को ओबीसी में मानते हुए मेरिट में आने पर नियुक्ति के आदेश दिए थे।
याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के बावजूद याचिकाकतार्ओं को ओबीसी वर्ग में नहीं माना जा रहा है। जिसके चलते मेरिट में होने के बावजूद भी उन्हें नियुक्ति नहीं मिली है। याचिका में गुहार की गई है कि अवमाननाकर्ता अफसरों को अदालती आदेश की अवमानना के लिए दंडित किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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