-जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर. गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी को 56 भोग लगाकर सुंदर झांकी सजाई गई है। भरतपुर में आज 108 फीट के गोवर्धन वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। कल सूर्यग्रहण रहने के कारण करीब 150 साल बाद दीपावली का दूसरा दिन छोड़कर आज तीसरे दिन गोवर्धन पूजा हो रही है। आज भगवान कृष्ण के साथ गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है। इसी दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग बनाकर लगाया जाता है। घरों और मंदिरों में पारम्परिक रूप से अन्नकूट प्रसादी बनाई और खिलाई जाती है।
भरतपुर में कॉलेज ग्राउंड में श्रद्धालुओं ने 108 फीट के भगवान श्रीकृष्ण चिटकी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाए हुए बनाए गए हैं। जिसकी आज पूजा रखी गई है। इसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे बड़े गोबर के गोवर्धन भगवान के रूप में अवॉर्ड के लिए भी प्रपोज किया गया है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी गोवर्धन प्रतिमा बताया जा रहा है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने वैशाली नगर स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में अन्नकूट महोत्सव में भाग लिया। उन्होंने वहां भगवान के निमित्त भोग और नैवेद्य अर्पण करते हुए प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव की शुभकामनाएं दी। राज्यपाल मिश्र ने मंदिर में आरती कर विधिवत गोवर्धन पूजा की और भगवान से प्रदेशवासियों के सुखी, समृद्ध और खुशहाल जीवन की कामना की। जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में गोवर्धन की पूजा की गई। अन्नकूट का 56 भोग ठाकुर जी को लगाया गया। महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने अन्नकूट प्रसादी के साथ अलग-अलग वैराइटी की मिठाई, मावे की कचौरी, पेड़े, लड्डू, बर्फियाँ, गुजिया, मूँगथाल, बेसन लड्डू, ड्रायफ्रूट लड्डू, आटा-गोंद लड्डू, बालूशाही, खीर मोहन, मीठी पापड़ी-पेड़ों का भोग लगाया। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में गाय और बछड़े की पूजा भी की गई। जयपुर में ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने दैनिक भास्कर को बताया आज आयुष्मान, सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग के दौरान गोवर्धन पूजा की जा रही है। आयुष्मान योग सूर्योदय के साथ सुबह 6.36 बजे से शुरू हो चुका है, यह रात 9.57 बजे तक रहेगा। आयुष्मान योग में गोवर्धन पूजा का शुभ फल मिलता है। पूजा करने वाले व्यक्ति की आयु में बढ़ोतरी होती है। भगवान से आयुष्मान होने का आशीर्वाद मिलता है। आयुष्मान के बाद सौभाग्य और प्रीति योग बन रहा है। इसके बाद सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग भी है। सर्वार्थ सिद्धि और अमृतसिद्धि दोनों दोनों योग दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 23 मिनट तक रहेंगे। इन योगों में गोवर्धन भगवान की पूजा-अर्चना बहुत फलदायक रहेगी। सभी तरह के कार्यों की सिद्धि और अमृत के समान पवित्र और सिद्धि देने वाले ये योग हैं।

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