कोटा/जयपुर। कोटा जिले के किशनगंज थाना बूढ़ादीत के बनवारी लाल मालव ने आत्म हत्या कर्जे के बोझ से दबे होने के कारण नहीं की। जांच में यह सामने आया है कि उस पर किसी भी बैंक का कोई ऋण बकाया नहीं है। मृतक बनवारी के चाचा मुरारीलाल ने पुलिस को एक पर्ची दी और बताया कि यह मृतक की जेब में मिली है। उसमें भी सिर्फ यह लिखा है ’मां और पिताजी मेरा आपके चरणों में प्रणाम, जो मैं गलती कर रहा हूं उसे ईश्वर की भी मर्जी मानना’। इस सुसाइड नोट में कहीं भी नहीं लिखा कि उसने कर्जे की वजह से आत्म हत्या की है। न ही इसमें लिखा है कि लहसुन के दाम कम मिलने की वजह से वह मौत को गले लगा रहा है। इस सुसाइड नोट के नीचे उसके हस्ताक्षर भी नहीं है।

मृतक के परिजनों ने अपने बयानों में कहीं भी यह नहीं कहा कि उसने लहसुन के दाम कम मिलने की वजह से आत्म हत्या की है। न ही उन्होंने बताया कि उस पर खेती बाड़ी का कर्जा था, जिससे परेशान होकर उसने आत्म हत्या की है। उसके परिजन भी बयानों में साफ कह रहे हैं कि बनवारी की मौत पर उन्हें कोई संदेह नहीं है। जहां तक लहसुन की फसल बेचने की बात है उसने गत 3 जून को 28 कट्टे 2800 रुपये प्रति क्विंटल तथा 4 जून को 10 कट्टे 2200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचे थे। मृतक का कोटा में एक निर्माणाधीन मकान है। किशनगंज में भी उसका मकान है। पुलिस में जो एफआईआर दर्ज कराई है उसमें भी कहीं भी कर्जे या लहसुन की फसल का दाम कम मिलने के कारण आत्म हत्या करने की बात नहीं है।

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