– पर्यटन, देवस्थान विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम वसुंधरा राजे के निर्देश 

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि जर्जर ढांचों में बदलते जा रहे और जीर्ण-शीर्ण हो रहे पर्यटन महत्व के छोटे-छोटे किलों, महलों तथा हवेलियों को बचाने तथा पर्यटन की सम्भावनाओं को बढ़ाने के लिए एक विशेष नीति बनाई जाए। पर्यटन महत्व की मिटती धरोहर को बचाने के लिए विस्तृत कार्य-योजना बना कर इसे बचाए रखने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही, उन्होंने प्रसिद्ध मंदिरों वाले शहरों और छोटे कस्बों में रख-रखाव और साफ-सफ ाई की व्यवस्था के लिए विशेष समितियां बनाने का सुझाव दिया। राजे मुख्यमंत्री निवास पर पर्यटन, देवस्थान विभागों और धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के विभिन्न विकास कार्यों तथा प्रदेश में पर्यटन विकास की अन्य योजनाओं की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला कलक्टरों के माध्यम से हर जिले की ऐसी प्रॉपर्टीज की फोटोग्राफ  और जानकारी सहित सूची तैयार की जाए, जो पर्यटन महत्व की हैं, परन्तु नष्ट होने के कगार पर हैं।

पर्यटन विभाग ऑनलाइन बिडिंग के माध्यम से ऐसी प्रॉपर्टीज को नष्ट होने से बचाने के लिए निवेशकों को आगे आने का मौका दे सकेगा। बैठक में बताया कि राजकीय संग्रहालयों के संरक्षण के पहले चरण के सभी 10 संग्रहालयों के कार्य मई 2018 तक पूरे कर दिए जाएंगे। सीकर तथा पाली के संग्रहालयों को संरक्षण कार्यों के बाद पुन: शुरू किया जा चुका है तथा सात अन्य संग्रहालयों को भी शुरू करने का काम दिसम्बर 2017 तक पूरा हो सकेगा। वहीं दूसरे चरण के आठ संग्रहालयों के संरक्षण कायज़् भी सितम्बर 2018 तक पूरे हो सकेंगे। नाहरगढ़ बायलॉजिकल पार्क में तीन शावकों के जन्म के बाद वहां फरवरी 2018 तक लॉयन सफ ारी शुरू करने पर भी चर्चा हुई।

राजे ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, कोटा की भी समीक्षा की। पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभाग के प्रभावी मीडिया कैम्पेन के कारण प्रदेश में देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में 17.31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।   मुख्यमंत्री ने जयपुर के किशनबाग, आमेर के हाथीगांव, जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित पर्यटक सुविधा केन्द्र तथा रामनिवास बाग में स्ट्रीट फूड कॉर्नर, चितौडग़ढ और जैसलमेर के सोनार किले, धौलपुर में मचकुण्ड पर्यटन स्थलों पर विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी की।

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