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Supreme Court to hear today in verdict right to privacy

नई दिल्ली। तीन तलाक मामले को लेकर पिछले 6 दिनों से सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई गुरुवार को पूरी कर ली गई। कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मामले में सभी पक्षों की दलीलों को पूरी तरह से सुना और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अब गर्मी की छुट्टियों के बाद फैसला सुनाया जाएगा। बता दें वर्ष 2015 में दो जजों की बेंच ने इस मामले में प्रसंज्ञान लिया था। बाद में इसे 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा दिया गया। जहां मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता में जस्टिस कुरियन जोसफ, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस युयु ललित व जस्टिस एस.अब्दुल नजीर ने मामले की लगातार सुनवाई की। इस दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, राजू रामचंद्रन, इंदिरा जयसिंह, राम जेठमलानी सहित अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने दलीलें पेश की। इससे पूर्व कोर्ट ने तीन तलाक व्यवस्था की संवैधानिकता को जांचा। यह देखा कि तीन तलाक इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा भी है या नहीं और इससे महिलाओं को मिलने वाले समानता के अधिकार का हनन तो नहीं हो रहा। इधर तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का द्वार खटखटाने वाली शायरा बानो व अन्य मुस्लिम महिलाओं के साथ खुद मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड सहित अन्य संगठनों ने इसे खत्म करने की पूरजोर वकालत की। वहीं उन्हें केन्द्र सरकार का भी पूरा सहयोग मिला। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इसे खत्म करने की कोर्ट से मांग करते हुए बताया कि अधिकांश मुस्लिम देशों में यह पहले ही खत्म हो चुका है, यह कुप्रथा इस्लाम का हिस्सा भी नहीं है। जबकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कपिल सिब्बल ने तीन तलाक को 1400 वर्ष पुरानी व्यवस्था बताया। साथ ही इसे आस्था से जोड़ कोर्ट से दखल नहीं देने की मांग की। मामले में सुनवाई के अंतिम दिन पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि मुस्लिम समाज तीन तलाक को पूरी तरह गलत मानता है। इस संबंध में देशभर के काजियों को एडवाजरी जारी की जाएगी, जिसमें उनसे तीन तलाक से बचने को कहा जाएगा। इस दौरान कोर्ट ने बोर्ड से इसकी कॉपी भी मांगी। इधर तीन तलाक को लेकर विरोध के स्वर मुखर करने वाले पक्षों का यह मानना है कि एडवाइजरी का बिंदू उठा बोर्ड ने अंतिम दांव चला ताकि कोर्ट इसमें दखल न दे। बरहाल सुनवाई पूरी होने के बाद अब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। फैसला अब गर्मी की छुट्टियों के बाद ही सुनाया जाएगा।

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