नई दिल्ली। ईरान के रास्ते बलूचिस्तान आने के दौरान जासूसी के आरोप में पकड़े गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले की मंगलवार को देशभर में गूंज सुनाई दी। देश में संसद से लेकर सड़क तक लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं पाकिस्तान उच्चायोग के समक्ष भी विरोध जताया। संसद में सदन कार्यवाही शुरू होने के साथ ही कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने मामला पुरजोर तरीके से उठाया। खडग़े ने कहा कि जाधव को बचाया नहीं गया तो भारत सरकार की कमजोरी सामने आएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले में उसी समय सख्त कदम उठा लेना चाहिए था जब वे अचानक पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के घर पहुंच गए थे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा की जाधव को बचाने के लिए भारत कुछ भी करेगा। जाधव को फांसी दी गई तो पाक से संबंध खराब होंगे। वहीं जाधव की सलामती को लेकर देशभर में दुआओं का दौर चल पड़ा तो पाकिस्तान के खिलाफ सड़कों पर रोष भी देखने को मिला। नागपुर में लोगों ने जाधव की तस्वीरे हाथ में लेकर पाकिस्तान के इस फैसले का विरोध जताया तो नारेबाजी करते हुए पाक का पुतला फूंका। इधर पाकिस्तान के अधिकारी इस मामले में कुछ कहने से बच ही रहे हैं। यही वजह रही कि भारत में पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित मीडिया से कोई बातचीत किए बिना ही निकल गए।

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