Trial of Dr. Abdul Hameed's Death Reference upto High Court hearing till 26

नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े चार आतंकियों को 10 साल की कैद की सजा सुनाई है। स्पेशल जज शैलेंद्र मलिक ने मोहम्मद दानिश अंसारी, आफताब आलम, इमरान और ओबैद-उर-रहमान को सजा सुनाई। चारों पर देश के विभिन्न हिस्सों में हुई आतंकी वारदातों की साजिश रचने का आरोप था। इनको देश में आतंकी हमलों के जरिए सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने के लिए 2012 के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सजा सुनाई गई है। इन पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए देशभर युवाओं को रिक्रूट करने की साजिश में शामिल होने का आरोप था। पाकिस्तान के आतंकी सरगना की मदद से ये देश में स्लीपर सेल स्थापित करते थे और देश के प्रमुख स्थलों में बम धमाकों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है। भारत में इंडियन मुजाहिद्दीन की भूमिका का खुलासा 2007 में तब हुआ जब वाराणसी, फैजाबाद और लखनऊ की अदालतों में बम धमाके कराने संबंधी ई-मेल कुछ मीडिया संस्थानों और न्यूज चैनल्स को किए गए। इंडियन मुजाहिद्दीन ने यूपी की अदालत में बम धमाके कराने के अलावा वाराणसी मां 7 मार्च, 2006 में हुए धमाके, 11 जुलाई, 2006 में मुंबई में सीरियल ब्लास्ट और 25 अगस्त, 2007 को हैदराबाद में हुए दोहरे ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली थी। बाबरी मस्जिद को ढहाने और गुजरात दंगों के बदले में इंडियन मुजाहिद्दीन ने हिंसा की साजिश रची। इंडियन मुजाहिद्दीन ने 13 मई, 2008 को जयपुर में आतंकी घटना, 26 जुलाई, 2008 को अहमदाबाद और 13 सितंबर, 2008 को दिल्ली में हुए सीरियल ब्लास्ट की भी जिम्मेदारी ली थी। इस मामले में कोर्ट ने 31 मार्च को एनआईए की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने इन चारों को यूएपीए की धारा 18, 19, 38(2) और 39(2) के तहत दोषी करार दिया।

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