जयपुर। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी की पहल पर प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के संदर्भ में मिली अनियमितताओं की कमेटी बनाकर जांच करवाई गई। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने भगवंत विश्वविद्यालय अजमेर, पेसिफि क उच्चतर शिक्षा और अनुसंधान अकादमी विश्वविद्यालय, उदयपुर और माधव विश्वविद्यालय, पिंडवाडा, सिरोही के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। निदेर्शों के अनुसार अजमेर की भगवंत विश्वविद्यालय पर अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन तथा जांच के दौरान पाई गई गंभीर अनियमितताओं को देखते अधिनियम की धारा 44 (1) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उल्लेखनीय है कि राज्य के जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के खिलाफ राज्य सरकार पूर्व में भी अधिनियम की धारा 44 के प्रावधानों के तहत कठोर कार्यवाही करते हुए परिसमापन के आदेश जारी कर चुकी है। इसके अलावा दो अन्य निजी विश्वविद्यालयों को उनकी कार्य प्रणाली में पारदर्शिता लाने तथा आवश्यक सुधार करने के लिए कठोर निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्हें चेताया भी है कि यदि उनके द्वारा राज्य सरकार के निदेर्शों की पालना नहीं करने पर उनके खिलाफ भी ऐसी कठोर कार्यवाही अमल में लाई जा सकती है। पेसिफिक उच्चतर शिक्षा और अनुसंधान अकादमी विश्वविद्यालय, उदयपुर की जांच के दौरान पाई गई कमियों को देखते हुए अधिनियम, 2010 की धारा 41 (2) के तहत निर्देशित किया है कि वह निरीक्षण दल द्वारा पाई गई कमियों एवं दिए गए सुझावों के संदर्भ में आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही एक माह में सुनिश्चित कर विभाग को अवगत कराएं और उन्हें अपनी वेबसाइट पर भी स्थाई रूप से प्रदर्शित भी करे। इसी तरह माधव विश्वविद्यालय, पिंडवाडा, सिरोही को राज्य सरकार ने अपनी कार्य प्रणाली में सुधार करने एवं एक माह की अवधि के भीतर शोध, स्टाफ, अकादमिक गतिविधियों व छात्रों के संबंध में सूचनाएं अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह अनियमितता को बर्दाशत नहीं किया जाएगा।

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