-जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में असमानता दूर करने के लिए सभी स्तरों पर प्रभावी प्रयास किए जाएं। राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं का डेटा बैंक तैयार करने के निर्देश भी दिए। कलराज मिश्र बुधवार को राजभवन में अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति विकास एवं कल्याण हेतु संचालित योजनाओं की प्रगति एवं समस्याओं के सम्बन्ध में विशेष समीक्षा बैठक को ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए वहां शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के अधिकाधिक विस्तार के लिए कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और पोषण का स्तर बढ़ाने के लिए समन्वित प्रयास किए जाएं।
राज्यपाल ने आदिवासी क्षेत्रों में घर पर राशन पहुंचाने की योजना पर विचार कर  उसे क्रियान्वित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में लक्ष्य से कम आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में दोबारा आवेदन का अवसर देने का सुझाव दिया ताकि जो आवेदक किसी कारण अपना पंजीयन नहीं करा पाए हैं, वे वंचित नहीं रहें। राज्यपाल कलराज मिश्र ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में चिकित्सकों, नर्सिंग कर्मियों एवं  शिक्षकों के रिक्त पदों को त्वरित भरे जाने और इससे जुड़ी कठिनाइयों को प्राथमिकता से दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में प्रतिभावान विद्यार्थियों को चिन्हित कर उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिए समुचित सुविधाएं और प्रशिक्षण प्रदान किए जाने पर जोर दिया।
उन्होंने जनजातीय जिलो में बने आवासीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण  भोजन, बिस्तर आदि सुविधाएं विकसित किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने विद्यार्थियों की लंबित छात्रवृतियों के प्रकरण प्राथमिकता से निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए। आदर्श ग्राम योजना के तहत आदिवासी क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्य किए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आदर्श ग्रामों की प्रगति रिपोर्ट प्रतिमाह संग्रहित कर राजभवन को भिजवाई जाएं। राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त दक्ष युवाओं का डेटा बैंक तैयार किया जाए, जिससे औद्योगिक संगठनों को अपनी जरूरत के अनुरूप कुशल युवाओं का चयन करने में सहूलियत होगी और युवाओं को भी उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार प्राप्त हो सकेगा। राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में गांवों के नजदीक कौशल विकास केन्द्र स्थापित किए जाएं ताकि ग्रामीण युवाओं की इन तक पहुंच आसान हो सके। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में नवाचार अपनाते हुए युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण के साथ रोजगार प्रदाता बनाए जाने की भी आवश्यकता जताई।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि प्रदेश में जनजाति उपयोजना क्षेत्र के विकास के लिए समन्वित रूप से योजनाबद्ध कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीएसपी क्षेत्र के विद्यार्थियों को आरएएस सहित सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा की कोचिंग देने के लिए जयपुर में भवन तैयार करवा लिया गया है और अगस्त माह में कोचिंग सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
जनजातीय क्षेत्र विकास विभाग के आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने जनजाति क्षेत्र से जुड़ी विकास योजनाओं की प्रगति, बजट आवंटन-व्यय एवं जनजातीय क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं शिक्षा सूचकांकों की स्थिति के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।  स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा, जनजातीय क्षेत्र विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी राज ने गत 18 जनवरी को आयोजित समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों की क्रियान्विति के सम्बन्ध में जानकारी दी। बैठक के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र को जिला कलेक्टर बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सिरोही, राजसमंद, चित्तौड़गढ, डूंगरपुर एवं पाली ने वहां के अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में विभिन्न विकास योजनाओं के बारे में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। राज्यपाल ने इन जिलों के कलक्टर को नवाचार अपनाते हुए आदिवासी क्षेत्रों में प्रभावी विकास किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में राज्यपाल के प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल और राजभवन में संयुक्त सचिव एवं जनजाति कल्याण निदेशक डॉ. कविता सिंह भी उपस्थित रहे।

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