Lokayukta SS Kothari
Lokayukta SS Kothari

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में लोकायुक्त एसएस कोठारी का कार्यकाल तीन साल बढ़ाने के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता विभुतिभूषण शर्मा की ओर से दायर इस याचिका पर माह के आखिरी सप्ताह में सुनवाई हो सकती है। जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार को इस बात की जानकारी थी कि एसएस कोठारी का लोकायुक्त के तौर पर पांच साल का कार्यकाल 24 अप्रैल को पूरा होने जा रहा है। इसके बावजूद भी सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान बिल पेश नहीं किया। सरकार ने सत्र पूरा होने के तुरंत बाद अध्यादेश के जरिए कोठारी का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया।

अध्यादेश में प्रावधान किया गया कि तीन साल के बाद किसी अन्य की की लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति नहीं होने तक कोठारी ही पद पर बने रहेंगे। जबकि किसी व्यक्ति विशेष को लाभ देने के लिए अध्यादेश जारी नहीं किया जा सकता। याचिका में यह भी कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश ने भी कोठारी की नियुक्ति पांच साल करने के लिए ही अपनी सहमति दी थी। याचिका में एसएस कोठारी और मुख्य सचिव सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया है।  जनहित याचिका में बताया गया है कि राज्य में लागु लोकायुक्त अधिनियम में लोकायुक्त का कार्यकाल पांच साल है। वर्तमान लोकायुक्त का कार्यकाल 24 मार्च को खत्म होने वाला था। इस बारे में राज्य सरकार को जानकारी थी। इसके बावजूद सरकार ने विधानसभा में तीन साल का कार्यकाल बढ़ाने के लिए अधिनियम में संशोधन बिल पेश नहीं किया, क्योंकि उन्हें डर था कि सदन में बिल पेश किया तो विपक्ष व सत्ता के कुछ सदस्य आपत्ति कर सकते हैं। ऐसे में सरकार ने एक आॅर्डिनेंस लगाकर कार्यकाल बढ़ा दिया। लोकायुक्त एक्ट के खिलाफ है।

आॅर्डिनेंस में यह भी प्रावधान किया है कि तीन साल के बाद किसी अन्य व्यक्ति की नियुक्ति नहीं होने पर लोकायुक्त पद पर एसएस कोठारी ही पद पर बने रहेंगे। याचिका में बताया है कि व्यक्ति विशेष को फायदा देने के लिए यह अध्यादेश लाया गया है, जो संवैधानिक तौर पर ठीक नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने भी कोठारी की नियुक्ति पांच साल करने के लिए ही अपनी सहमति दी थी। याचिका में एसएस कोठारी, मुख्य सचिव सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया है। गौरतलब है कि तीन साल के कार्यकाल को बढ़ाने संबंधी अध्यादेश को केबिनेट मंजूरी के बाद विधानसभा में पेश किया जाएगा। वहां से बिल को मंजूरी मिलने के बाद ही यह लागू हो पाएगा। सरकार ने एसएस कोठारी का लोकायुक्त पद पर तीन साल का कार्यकाल बढ़ाया था, तब यह मामला काफी चर्चा में रहा। इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठे। लोगों में चर्चा रही कि संवैधानिक पद सरकार के कामकाज पर नजर रखते हैं। अगर सरकार अध्यादेश के जरिये संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के कार्यकाल को बढ़ाएगी, तो वे सरकार के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पाएंगे, बल्कि उपकृत होकर कार्य करेंगे। विपक्ष ने भी इस फैसले का विरोध किया था।

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