जयपुर। शिक्षा के साथ संस्कारों का होना बेहद जरुरी है। संस्कारों के बिना छात्र अधूरा ही रहता है। संस्कार एक छात्र को उसके माता-पिता व गुरुजनों से मिलते हैं। यह बात मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को जयपुर शहर स्थित श्रीमती कमला देवी बुधिया राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हीरापुरा के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करते हुए कही।

सीएम राजे ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव किया है। जिससे भामाशाह आगे आ रहे हैं तो पेरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन से अब अभिभावकों को बच्चे की शैक्षिक प्रगति पता चल रही है। इससे परीक्षा परिणामों में उल्लेखनीय सफलता देखने को मिल रही है। सीएम राजे ने कहा कि जल्द ही एज्यूकेशन फेस्टिवल आयोजित होने जा रहा है। जिसमें न केवल देश वरन विदेशों से भी शिक्षा विशेषज्ञ शिरकत करेंगे। जिससे शिक्षा विशेषज्ञों को एक प्लेटफॉर्म मिलेगा और वे अपने विचारों व शिक्षा में बदलाव को लेकर सुझाव दे सकेंगे। बता दें 5 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित इस स्कूल भवन का निर्माण प्रवासी राजस्थानी और पैटन ग्रुप कोलकाता के चैयरमेन हरिप्रसाद बुधिया ने अपनी मां श्रीमती कमला देवी की स्मृति में कराया है।

-खुलकर कर सकेंगे दान
सीएम राजे ने कहा कि सरकार जल्द ही ज्ञान संकल्प पोर्टल, सीएम विद्यादान कोष व डानर्स फ्रेडली प्लेटफार्म अस्तित्व में लाने को है। स्कूलों में दान करने वाले दानदाताओं के सामने इनकम टैक्स की कोई बंदिशे न आए और उन्हें छूट मिले। इसके लिए इनकम टैक्स विभाग कोशिश कर रहा है। सीएम ने स्वस्थ शरीर व मन से विकास संभव है। इसके लिए शिक्षकों को ध्यान देना होगा तो भामाशाहों को आगे आना होगा। सीएम ने कहा कि राजस्थान के विकास में खासकर शिक्षा के क्षेत्र में भामाशाहों ने अतुलनीय योगदान दिया। सामाजिक हित में दिए जा रहे इस महत्वपूर्ण सहयोग की एक एक पाई का सदुपयोग सरकार सुनिश्चित करेगी।

-सराहनीय रहे प्रयास
सीएम राजे ने स्कूल में भामाशाह हरिप्रसाद बुधिया की ओर से उपलब्ध कराई गई सुविधाओं को सराहा। उन्होंने कहा कि एक ही छत के नीचे आंगनबाड़ी केन्द्र के साथ ही पुस्तकालय की सुविधा, कम्प्यूटर शिक्षा सहित जरुरत की सभी उपलब्ध कराने से बच्चों का पढ़ाई में पूरी तरह मन लगेगा। ऐसे प्रयास होते रहने चाहिए। इस मौके पर सीएम ने विद्यालय में जीव विज्ञान संकाय खोलने को सहमति दी और शाला को दो पारियों में चालू करने व स्मार्ट क्लॉस शुरू करने को लेकर आने वाली बाधाओं को दूर करने का आश्वासन दिया।

-प्रदेश का बनेगा मॉडल स्कूल
कार्यक्रम के दौरान भामाशाह हरिप्रसाद बुधिया ने कहा कि वर्ष 1953 में इस स्कूल की स्थापना प्रथमिक स्कूल के तौर पर हुई। शुरुआती दौर में मात्र दो कमरों में ही स्कूल संचालित था। वर्ष 1987 में पिता बृजलाल बुधिया ने अपनी धर्मपत्नी की श्रीमती कमला देवी बुधिया की स्मृति में एक नए भवन का निर्माण करा सरकार को सौंपा। जैसे-जैसे स्कूल क्रमोन्नत हुआ तो समस्याएं बढ़ी। ऐसे में इस भवन को नए सिरे से निजी स्कूलों की भांति तैयार कराने का संकल्प लिया। इसके लिए यहां संचालित स्कूल को अन्यंत्र शिफ्ट कराया। साथ ही निर्माण को गति दी। अंतत: संपूर्ण सुविधाओं से युक्त 4 मंजिला नवीन विशाल भवन तैयार किया गया। कार्यक्रम के तहत शिक्षा राज्यमंत्री वासु देवनानी, उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, विधायक मोहनलाल गुप्ता, प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, संसदीय सचिव कैलाश वर्मा, शिक्षा सचिव नरेशपाल गंगवार भी उपस्थित थे।

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