Engineering, ITI, Polytechnic College, SINgle platform

जयपुर। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई, कौशल विकास तथा पॉलीटैक्निक कॉलेज को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाया जाए जिससे सभी विभागों में आपसी समन्वय हो सके तथा युवा तकनीकी तथा व्यवसायिक शिक्षा में हुनरमंद बन सकें।

डॉ गर्ग रविवार को जयपुर के खेतान पॉलीटैक्निक कॉलेज में राज्य स्तरीय तकनीकी शिक्षा अधिकारियों के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा विभाग तथा एआईसीटीई, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा में राज्य सरकार सिलेबस में बदलाव कर रही है जिससे जिससे युवा लेटेस्ट तकनीक से अपडेट हो सके। उन्होंने कहा कि सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सीसीटीवी से निगरानी की जाए जिससे संस्थानों में हो रही शिक्षा की लगातार मॉनीटरिंग की जा सकेगी।

डॉ. गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार को भवन निर्माण के साथ लैब निर्माण को भी प्राथमिकता देनी चाहिए जिससे संस्थान में सभी हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर तथा उपकरणों का उपयोग हो तथा युवा प्रैक्टिकल नॉलेज प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि एआसीटीई नई दिल्ली को राज्य सरकार से हर संभव मदद दी जाएगी जिससे तकनीकी शिक्षा को राज्य में बढ़ावा मिले।

बैठक में एआईसीटीई के अध्यक्ष श्री अनिल डी. सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि तकनीकी शिक्षा संस्थानों के विभागाध्यक्षों को एआईसीटीई के द्वारा की जा रही योजनाओं का प्रचार प्रसार करना चाहिए जिससे युवा एवं अध्यापक उन योजनाओं का फायदा लेकर अपना कौशल विकास कर सकें। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अटल एकेडमी बनाई जाएगी जिसमें विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के साथ विभागाध्यक्षों का भी प्रशिक्षण होगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा की योजनाओं का लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिलाओं सहित सभी को समावेशी रूप से मिलना चाहिए।

बैठक में तकनीकी शिक्षा, सचिव श्रीमती शुचि शर्मा ने कहा कि युवाओं को बड़े उद्योगों के अलावा मध्यम एवं लघु उद्योगों में भी इंटर्नशिप करनी चाहिए जिससे उन्हें उद्यम की बेहतर समझ हो पाएगी। उन्होंने विभाग द्वारा तकनीकी तथा व्यवसायिक शिक्षा के क्षेत्र में हो रही योजनाओं तथा नवाचारों के बारे में भी बताया।

इस अवसर पर एआसीटीई के उपाध्यक्ष प्रो. एम. पी. पूनिया ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अभी मॉडल करिकुलम जारी किया गया है जिससे युवा तकनीकी शिक्षा में होने वाले नवाचारों से रूबरू हो सकें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्रैक्टिकल नॉलेज तथा समावेशी विकास पर जोर दिया गया है।

कार्यक्रम में डॉ. गर्ग द्वारा द्वारा पौधारोपण भी किया गया। बैठक में सभी जिलों के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज तथा पॉलीटैक्निक कॉलेज के कुलपति तथा तकनीकी शिक्षा अधिकारी मौजूद थे।

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