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जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जेएलएन मार्ग स्थित विद्याश्रम स्कूल को कहा है कि वह याचिकाकर्ताओं से इस सत्र में बढ़ी हुई फीस ना वसूले। इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि उनकी ओर से जवाब पेश होने के बाद वे इस आदेश में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर सकते हैं। न्यायाधीश इन्द्रजीतसिंह की एकलपीठ ने यह आदेश पियूष जैन व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

वहीं दूसरी तरफ न्यायाधीश मनीष भंडारी और न्यायाधीश डीसी सोमानी ने भारतीय विद्या भवन की याचिका पर सुनवाई के दौरान तीन अभिभावकों को मामले में दखलकर्ता बनाया है। वहीं याचिकाकर्ता को अपनी याचिका में संशोधन की अनुमति भी दी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि याचिका पेश करने के बाद राज्य सरकार ने उनकी विद्याश्रम स्कूल की एनओसी को रद्द कर दिया है। ऐसे में याचिका में संशोधन की अनुमति दी जाए। वहीं तीनों अभिभावकों ने याचिका में पक्षकार बनने की अनुमति मांगी थी।

जबकि एकलपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट की एक अन्य एकलपीठ ने बढ़ी हुई फीस वसूलने पर रोक लगा दी है। ऐसे में इस मामले में भी बढ़ी फीस वसूलने पर रोक लगाई जाए। जिसे स्वीकार करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से पुरानी फीस ही वसूल करने के निर्देश दिए हैं।

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