जयपुर. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) के मुद्दे पर कांग्रेस 13 जिलों में यात्रा निकालने जा रही है। 16 अक्टूबर को नवरात्रा स्थापना के साथ बारां जिले से इस यात्रा की शुरुआत होगी। रविवार को कांग्रेस वॉर रूम में हुई बैठक में यात्रा के कार्यक्रम को फाइनल किया गया। सप्ताह भर में यात्रा 13 जिलों में जाएगी। इस यात्रा में सीएम अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। ईआरसीपी से 13 जिलों को पीने और सिंचाई का पानी मिलेगा। 40 हजार करोड़ से ज्यादा के इस प्रोजेक्ट में बांध बनने के अलावा नहरें और पेयजल प्रोजेक्ट बनेंगे। ईआरसीपी वाले जिलों में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां और झालावाड़ शामिल हैं। कांग्रेस ने ईआरसीपी को चुनावी मुद्दा बना लिया है। इसी रणनीति के तहत अब यात्रा निकालने जा रही है। बैठक के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कांग्रेस पार्टी अपना कैंपेन 16 अक्टूबर से शुरू करेगी। केंद्र सरकार की सबसे बड़ी वादाखिलाफी ईआरसीपी से हम अपने कैंपेन की शुरुआत करेंगे। बारां से 16 अक्टूबर को हम ईआरसीपी के मुद्दे पर यात्रा की शुरुआत करेंगे। इस यात्रा के दौरान हम एक दिन में दो जिले कवर करेंगे। 13 जिलों में हर जिले में एक बड़ी सभा करेंगे। हर सभा में एक लाख लोग मौजूद रहेंगे। ईआरसीपी की सभाएं पीएम मोदी की सभाओं से बहुत बड़ी होंगी। डोटासरा ने कहा ईआरसीपी वाले 13 जिलों में मंडल स्तर पर वादा खिलाफी का जन जागरण अभियान चलाएंगे। हर बूथ और मंडल स्तर पर जन जागरण के कार्यक्रम होंगे। बूथ मंडल स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों की जयपुर से मॉनिटरिंग की जाएगी। डोटासरा ने कहा ईआरसीपी पर केंद्र सरकार ने वादाखिलाफी की है। हमारे पास कहने के लिए बहुत कुछ है। राजस्थान के इतिहास में 70 साल में जितना काम नहीं हुआ, उतना काम हमारी सरकार ने राजस्थान के लोगों के लिए किया है। सरकार ने शानदार योजनाएं दी है। 10 तरह की गारंटी ले लीजिए, चाहे हर वर्ग के लिए बोर्ड बनाने की बात ले लीजिए, लोगों ने डिमांड की उसे पूरा किया है। डोटासरा ने कहा हमने कांग्रेस के घोषणा पत्र के 98 फीसदी वादों को पूरा किया है। आगे हमारा जन घोषणा पत्र बनेगा। जन घोषणा पत्र के लिए मिशन 2030 का विजन डॉक्यूमेंट बहुत बड़ा आधार बनेगा। जो जनता की राय से विजन डॉक्यूमेंट बना है, उसी विजन को लेकर हम हमारे घोषणा पत्र को बनाएंगे। जब हम घोषणा पत्र पेश करेंगे। जनता इस पर 100 प्रतिशत विश्वास करेगी, क्योंकि हमने पहले वाला भी लागू कर दिया। हम जनता की राय से घोषणा पत्र बना रहे हैं। ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार अभियान चला रही है। कांग्रेस ने 2018 में जयपुर और अजमेर की सभाओं में पीएम नरेंद्र मोदी के उन बयानों को भी घेरने का आधार बनाया है, जिसमें उन्होंने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। केंद्र सरकार ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने पर कुछ नहीं किया। सीएम अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के खर्चे पर ईआरसीपी को पूरा करवाने की घोषणा की है। बजट में पहले 9000 करोड़ की घोषणा के बाद में पांच हजार करोड़ की और घोषणा की है। गहलोत अपने हर भाषण में ईआरसीपी का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला करते हैंं। अब ईआरसीपी पर यात्रा निकालकर कांग्रेस विधानसभा चुनावों में बीजेपी को बैकफुट पर लाने के प्रयास में है। पूर्वी राजस्थान में लंबे समय से कांग्रेस इसे मुद्दा बनाने में लगी हुई है। ईआरसीपी के मुद्दे पर कांग्रेस को कितना फायदा होता है यह तो वोटिंग पैटर्न से पता लगेगा, लेकिन विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान अब कांग्रेस केंद्र सरकार और बीजेपी पर तल्ख हमले की रणनीति पर काम कर रही है।

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