वाशिंगटन। अमरीका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के बारे में एक नया खुलासा किया है। सीआईए ने यह खुलासा पाकिस्तान के एटाबाद में लादेन के गुप्त ठिकाने पर की गई कार्रवाई के दौरान वहां मिले दस्तावेज के आधार पर किए गए है। इस कार्रवाई में लादेन को मार दिया गया था। सीआईए के मुताबिक, ओसामा बिन लादेन अलकायदा के कम होते प्रभाव और इस्लामिक स्टेट (आईएस)के बढ़ते प्रभाव से खासा चिंतित था। लादेन अमरीका को सबसे बड़ा दुश्मन मानता था। शुक्रवार को जारी किए गए दस्तावेज के मुताबिक, लादेन अपने बेटों से भी परेशान था। वह उन्हें कहता था कि वे मेरा पीछा नहीं करें। क्योंकि सीआईए उनके शरीर में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाकर उस तक पहुंच सकती है। वह अलकायदा का तो सारा कामकाज देखता था, साथ ही दुनिया में उन तमाम आतंकी संगठनों को भी हर तरह की मदद करता था, जो इस्लाम के लिए लड़ रहे थे। वह उन्हें आतंकी घटनाओं को अंजाम दिए जाने का प्रशिक्षण और सलाह भी देता था। वह विदेशियों के अपहरण का भी काम किया करता था। अफ्रीका, यमन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अरब देशों की आतंकी गतिविधियों में हिस्सा लेता था। वह आतंकी संगठनों खासकर अलकायदा के प्रमुख सदस्यों को भी आगाह करता रहता था कि सरकार और सेना के प्रति अति उत्साह में विध्वंसकारी गतिविधियां नहीं करनी चाहिए। खासकर सरकार के खिलाफ सख्ती से बचना चाहिए। लादेन भी मुस्लिम देशों में इस्लामिक कानून और एक इस्लामिक राज्य बनाने के पक्ष में था, लेकिन वह इतना मजबूत नहीं था कि ऐसा कर सके। इसलिए आईएस की तरह इस्लामिक राज्य बनाने की ज्यादा प्रयत्न नहीं किया। सीआईए ने जो दस्तावेज जारी किए हैं, इनमें से काफी लादेन द्वारा लिखे गए हुए हैं।

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