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जयपुर। विद्याश्रम स्कूल में फीस बढोत्तरी करने के मामले में सरकार के स्कूल को दी गई एनओसी वापस लेने और बढ़ाई गई फीस वसूलने पर लगाई गई रोक के आदेशों पर राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ ने स्कूल को राहत देते हुए राज्य सरकार के दोनों आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने अभिभावकों को 1० जून तक पुरानी फीस जमा कराने को कहा है। हाईकोर्ट ने वसूल की गई अधिक फीस को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है।

मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। इस संबंध में भारतीय विद्या भवन ने याचिका दायर कर बढ़ती लागत को देखते हुए फीस बढ़ाने के निर्णय को सही बताया। बढोत्तरी पर डीईओ ने 19 अप्रैल को रोक लगा दी एवं शिक्षा निदेशक ने 3० अप्रैल को आदेश जारी कर एनओसी ही वापस ले ली। स्टाफ को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। आरटीई के तहत सरकार प्रति छात्र केवल 17 हजार रुपए ही देती है। जबकि खर्चा कई गुणा ज्यादा होता है। डिजीटल बोर्ड की सुविधा के लिए प्रतिमाह 2०० रुपए प्रति छात्र लिए जा रहे हैं। वे सरकार से अनुदान नहीं लेते। उन पर फीस नियामक कानून लागू नहीं होता। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि संसाधनों के आधार पर स्कूल संचालक फीस वसूल कर सकते हैं। ऐसे में फीस नियामक कानून को रद्द किया जाए अथवा याचिकाकर्ता को इसके क्षेत्राधिकार से बाहर माना जाए।

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