नई दिल्ली। सरकारी महकमों के कारिंदे अपने कार्य के प्रति किस कदर लापरवाह इसकी उदाहरण झारखंड के जमशेदपुर में देखने को मिला। जहां विद्युत विभाग ने जमशेदपुर के एक स्थानीय विद्युत उपभोक्ता बीआर गुहा को विद्युत उपभोग के एवज में बिजली का बिल कुछ सौ या हजार रुपयों का नहीं पूरे 38 अरब रुपए का बिल थमा दिया।

पहले तो गुहा इस बिल को लेकर कुछ समझ नहीं पाए। बाद में जब उसने बिल को गौर से देखा तो उसके हौश उड़ गए। उसे समझ ही नहीं आया कि आखिर उसके तीन कमरों वाले अपने घर में 3 पंखें, 3 टयूबलाइट और एक टीवी ही मौजूद है। इसके उपरांत भी उसे 38 हजार का बिल कैसे आ गया। यह देख वह चक्करघिन्नी हो गया। बाद में उसने आस-पास के लोगों से विद्युत बिल में आई गड़बड़ी की जानकारी ली तो उनके बिल सही मिले, केवल गुहा का बिल ही चौंकाने वाली राशि का आया। गुहा ने बाद में विद्युत विभाग में बिल को दुरुस्त करने के लिए अर्जी लगाई, लेकिन लापरवाही विद्युत विभाग ने उसके बिल को दुरुस्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

बता दें इससे पहले भी वर्ष 2014 में दीपावली के त्योहार के करीब हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना निवासी राजेश को विद्युत विभाग ने 132 करोड़ रुपए का बिजली बिल थमा दिया था। राजेश पान की दुकान चलाकर अपना जीवन यापन करता था। जिसे विद्युत विभाग ने उस वर्ष अक्टूबर महीने के लिए उसका बिजली बिल 132.29 करोड़ रुपए का बिल जारी किया था।

-लापरवाही दुरुस्ती के नाम पर काट दिया कनेक्शन
इधर लापरवाह विद्युत विभाग ने अपनी गलती को मानना तो दूर बिल जमा नहीं कराने के एवज में बीआर गुहा के घर जाकर उसके विद्युत कनेक्शन को काट दिया। जिससे गुहा का घर पूरी तरह अंधेरे में डूब गया। इस मामले में गुहा ने विद्युत विभाग के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। बीआर गुहा की बेटी ने बताया कि उसकी मां पहले ही शुगर की मरीज है तो पिता को हाई ब्लडपे्रशर है। इतना बिल आने के बाद तो उनकी हालत ही खराब हो गई है। समझ नहीं आता आखिरकार कर्मचारियों ने क्या आंख मूंद कर ही यह बिल जारी कर दिया। बिल जारी करने से पहले एक मर्तबा भी उसको नजर नहीं निकाला क्या?

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