नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि सरकार जल्द ही चिटफंड धोखाधड़ी पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। जो उन चिट फंड कंपनियों की धोखाधड़ी पर नजर रखेगी, जो एक से ज्यादा राज्यों में संचालित होती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि बैंक का कर्जा लेकर पैसा हड़पने वालों के खिलाफ आपराधिक और वसूली कार्रवाई शुरू की जाएगी। जेटली ने कहा कि चिट फंड कंपनियों के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कानून है। उन्होंने कहा, हम वैसी चिट फंड कंपनियों के लिए एक केंद्रीय कानून का मसौदा तैयार कर रहे हैं, जो एक से ज्यादा राज्यों में परिचालन कर रही है। मसौदे को चर्चा के लिए जल्द ही सदन में रखा जाएगा। बैंकिंग विनियमन विधेयक (संशोधन) 2017 पर चल रही चर्चा के दौरान मंत्री ने कहा कि जीवन बीमा निगम (एलआईसी) द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलाई जा रही पेंशन योजना लोगों को अपनी बचत को चिटफंड कंपनियों में लगाने से रोकेगी क्योंकि इस योजना का अंतर्गत 8 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है।

कई राज्यों में चिटफंड कंपनियों ने लोगों के हजारों करोड़ रुपये का गबन किया है। मंत्री ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब का हवाला देते हुए कहा कि इन राज्यों के पास चिट फंड कंपनियों को विनियमित करने का अपना-अपना कानून है। इससे पहले सांसद पप्पू यादव समेत कई सांसदों ने चिट फंड कंपनियों की गतिविधियों की जांच के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की थी। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक 2017 को पारित कर दिया। इसके तहत केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को किसी भी बैंकिंग कंपनी को अपने फंसे हुए कर्ज की वसूली के लिए दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने का अधिकार दिया है। जेटली ने विधेयक के बारे में बताते हुए कहा कि इसके तहत कर्ज नहीं चुकाने वाली कंपनियां समानता का दावा नहीं कर सकतीं, कि अन्य कंपनियों को छूट क्यों दी गई और उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों शुरू की गई।

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