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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में ‘मैं नहीं हम’ पोर्टल और एप लॉन्च किया।’मैं नहीं हम’ पोर्टल ‘सेल्फ 4 सोसाइटी’ की थीम पर काम करेगा। इससे आईटी पेशेवरों और संगठनों को सामाजिक मुद्दों और समाज की सेवा के लिए उनके किए गए प्रयासों को एक मंच पर लाने में मदद मिलेगी। ऐसा करने में यह पोर्टल समाज के कमजोर तबकों की सेवा में खासकर प्रौद्योगिकी के फायदों के जरिए बड़े सहयोग को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा। ये उम्मीद की जाती है कि समाज के हित में काम करने के लिए लोगों की भागीदारी बढ़ाने में भी यह पोर्टल मददगार साबित होगा। इस मौके पर आईटी और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण से जुड़े पेशेवरों, उद्योग से जुड़ी हस्तियों और टेक्नोक्रेट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि लोग दूसरों के लिए काम करना, समाज की सेवा करना और कुछ सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम करना चाहते हैं।प्रधानमंत्री से आज संवाद करने वालों में आनंद महिंद्रा, सुधा मूर्ति और भारत की बड़ी आईटी कंपनियों से जुड़े बड़ी संख्या में युवा पेशेवर शामिल थे।प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी प्रयासों को चाहे वो छोटे हों या बड़े को महत्व दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की बजट और योजनाएं हो सकती हैं लेकिन किसी भी पहल की सफलता उसमें शामिल लोगों की भागादारी से मिलती है। प्रधानमंत्री ने मौके पर मौजूद लोगों से कहा कि हम ये सोचें कि कैसे अपनी ताकत का इस्तेमाल दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए करें। प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि उन्‍होंने भारत के युवाओं को प्रौद्योगिकी की ताकत का बड़े ही अच्‍छे ढंग से उपयोग करते हुए देखा है। उन्‍होंने कहा कि देश के युवा प्रौद्योगिकी का उपयोग न केवल अपने लिए, बल्कि दूसरे लोगों के कल्‍याण के लिए भी कर रहे हैं।

उन्‍होंने इसे एक अदभुत संकेत के रूप में वर्णित किया। प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्‍लेख किया कि सामाजिक क्षेत्र में अनेक स्‍टार्ट-अप्स कार्यरत हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने युवा सामाजिक उद्यमियों की सफलता की कामना की।प्रधानमंत्री ने टाउनहॉल तर्ज पर आयोजित संवाद के दौरान विभिन्‍न प्रश्‍नों का जवाब देते हुए कहा कि यह अत्‍यंत आवश्‍यक है कि हम अपने निर्धारित कार्यकलाप से परे हटकर कुछ अभिनव कार्य करें। उन्‍होंने कहा कि सीखने और नई खोज करने की व्‍यापक गुंजाइश है।आईटी प्रोफेशनलों ने विशेषकर कौशल विकास और स्‍वच्‍छता के क्षेत्र में सामाजिक स्‍वयंसेवा के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में विस्‍तार से बताया। एक प्रश्‍न के जवाब में प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन का प्रतीक बापू का चश्‍मा है, प्रेरणा बापू हैं और हम बापू के सपने को साकार कर रहे हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि अनेक अवसरों पर जब ‘सरकार’ कुछ नहीं कर पाती है, तो उसे ‘संस्कार’ कर दिखाते हैं। उन्‍होंने कहा कि हमें स्‍वच्‍छता को अपनी दिनचर्या का एक हिस्‍सा बनाना चाहिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वयं सेवा के प्रयासों से कृषि क्षेत्र में काफी कुछ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए युवाओं को बढ़चढ़ कर काम करना चाहिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की तुलना में अधिक लोग कर अदायगी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि उनके धन का समुचित इस्तेमाल हो रहा है जो लोगों के कल्याण के लिए है।उन्होंने कहा कि भारत अपने युवाओं की प्रतिभा के बल पर स्टार्टअप क्षेत्र में कीर्तिमान कायम कर रहा है। ग्रामीण डिजिटल उद्यमिता के सृजन के लिए कार्यरत एक टीम के प्रश्न के उत्तर में प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ऐसे भारत का सृजन करना महत्वपूर्ण है, जहां सबके लिए समान अवसर हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज सेवा के कार्य को सबके लिए एक गर्व का विषय होना चाहिए।व्यापार और उद्योग की आलोचना के रूझानों से असहमति व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम ने यह दर्शाया है कि किस प्रकार अग्रणी कंपनियां विशिष्ट सामाजिक कार्य कर रहे हैं और अपने कर्मचारियों से यह कह रहे हैं कि वे आगे आकर लोगों की सेवा करें।

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