जयपुर। राजस्थान समेत देश के सभी राज्यों में देवउठनी ग्यारह से ही शादियों की धूम मची हुई है, लेकिन तभी से नोटबंदी होने के कारण शादी वालों के साथ इससे जुड़े कारोबारियों में मायूसी है। शादीवालों को बैंकों से नए नोट नहीं मिलने और मात्र ढाई लाख रुपए भी बमुश्किल मिलने के आदेश से परेशानी है तो व्यापारियों को नोटबंदी के चलते विवाह वालों द्वारा खर्चों में कमी कर देने से व्यापार ठप सा पड़ा है। शादी के चलते घर-परिवार में तो रौनक है, लेकिन बाजार सूने पड़े है। रंगत फीकी पड़ी है।
बड़े नोट बंद होने से बाजार में छोटे नोटों की किल्लत हो गई। बैंकों से एकमुश्त बड़ी राशि नहीं मिल रही है। ऐसे में शादी कारोबार से जुड़े किराणा, ज्वैलर्स, केटरिंग, बैण्डबाजा, कपड़े, डेकोरेशन का धंधा करने वालों के यहां खासी डिमाण्ड नहीं आ पा रही है। नोटबंदी के चलते अधिकांश शादी वाले परिवारों ने खाने, कपड़े, डेकोरेशन, ज्वैलर्स आदि सामानों की खरीद में पचास फीसदी से भी कटौती कर दी है। गार्डन और होटलों के बजाय लोग घरों व सड़क पर फिर से टैण्ट लगाकर शादी करने को मजबूर हो रहे हैं। शादी में लोगों को भी कम ही बुला रहे हैं। नजदीकी रिश्तेदारों और खास दोस्तों को ही विवाह में बुलाया जा रहा है। करीब दो सप्ताह से यह स्थिति बनी हुई है। व्यापारियों की मानें तो आगे भी कोई खास बदलाव नजर नहीं दिख रहा है। बड़ी चौपड़ स्थित दुकानदार रामदास अग्रवाल के मुताबिक, पिछले सप्ताह तो बुरा हाल रहा। लेकिन बाजार में अब ग्राहक आने लगे। लेकिन खरीदारी काफी कम है। कई खरीदार तो अभी भी पुराने नोटों को लेने के लिए दबाव डाल रहे हैं लेकिन व्यापारी इन नोटों नहीं ले रहे हैं।

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