– सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट: लोकतंत्र में हर आवाज सुनी जाती है, पुलिस साहस से इसका सामना करेगी
जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल एनकाउंटर मामले में राजस्थान सरकार की ओर से सीबीआई जांच कराने समेत अन्य सभी सात मांगें मानने के बाद भले ही आंदोलनरत सर्वसमाज संघर्ष समिति, राजपूत समाज और आनन्दपाल के परिजन खुश हो, लेकिन इस फैसले से राजस्थान पुलिस को धक्का लगेगा। क्योंकि गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद जहां प्रदेश में राजस्थान पुलिस को वाहवाही मिली, वहीं गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने राजपूत समाज के आंदोलन के बाद भी स्पष्ट कह दिया था कि वे अपनी ही पुलिस के खिलाफ जांच नहीं कराएंगे। एनकाउंटर सही था। पुलिस कमांडों व अफसरों ने अपनी जान पर खेलकर गैंगस्टर आनन्दपाल से लोहा लिया। जवाबी फायरिंग में मारा गया। हालांकि सांवराद सभा और हिंसा के बाद राजपूत समाज के गुस्से के चलते भले ही राजस्थान सरकार को समाज की सीबीआई जांच माननी पड़ी। इस फैसले से सरकार और राजस्थान पुलिस भी नाखुश है, लेकिन दबाव के चलते उन्हें यह फैसला लेना पड़ा।

इस फैसले के बाद गैंगस्टर आनन्दपाल एनकाउंटर को अंजाम देने वाली एसओजी टीम के आईजी दिनेश एमएन ने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट डाली है, जिसमें वे आनन्दपाल मामले में सीबीआई जांच और आंदोलन को लोकतंत्र का हिस्सा बताया है। हर किसी नागरिक के पास अपनी राय और आवाज उठाने का हक है। लोकतंत्र में हर आवाज सुननी होगी। यही हमारा लोकतंत्र है। पुलिस उसी साहस और क्षमता से इसका सामना करेगी। लेकिन इस पूरे प्रकरण में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को नजरअंदाज नहीं किया सकता है। पुलिस के पास कमजोर दिखने का विकल्प नहीं है। अगर कोई राजेन्द्र सिंह अध्यापक जैसे व्यक्ति गैंगस्टर आनन्दपाल के हाथों मारा जाता है तो ढाई लाख की राजस्थान पुलिस को इस पर कार्रवाई करनी होगी। पुलिस को इस बात का भी जवाब देना होगा, जिसमें उसकी बीबी शादी के चौदह दिन बाद ही विधवा हो गई थी। वह कहीं जा नहीं सकती और ना ही उसे एक कमजोर पुलिस बल पसंद है। आईजी दिनेश एमएन की इस पोस्ट को खासा पसंद किया जा रहा है सोशल मीडिया में। पुलिस फोर्स इसे सैल्यूट कर रहे हैं तो आम नागरिक भी पूरा साथ देने की कह रहे हैं।

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