नई दिल्ली। 22 अगस्त को राष्ट्रव्यापी बैंकरों की हड़ताल को रोकने के प्रयास में भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और मुख्य श्रम आयुक्त ने वार्ता के लिए यूनाइटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) को बुलाया है। यह जानकारी अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के एक शीर्ष नेता ने दी है। एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने बताया, आईबीए ने 16 अगस्त को मुंबई में एक बैठक के लिए यूएफबीयू को बुलावा भेजा है और मुख्य श्रम आयुक्त ने हमें 18 अगस्त को नई दिल्ली में एक बैठक के लिए बुलाया है।

यूएफबीयू नौ बैंक यूनियन का एक संघ है। यूएफबीयू सरकारी बैंकों के निजीकरण, विलय एवं बैंकों के समेकन और कॉपोर्रेट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) के लिए सरकार के फैसले की आलोचना कर रहा है। साथ ही उसने मांग की है कि लोन को जानबूझ कर डिफॉल्ट करना क्रिमिनल अफेंस माना जाए। साथ ही एनपीए की वसूली पर संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू किया जाए। यूएफबीयू ने 22 अगस्त को बैंकिंग क्षेत्र और अन्य मुद्दों में सुधार के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का नोटिस दिया है। वेंकटचलम ने कहा, ह्लमुद्दों को हल करने के लिए हमने सभी विकल्प खुले रखे हैं, आईबीए और केंद्र सरकार को भी इसी दिशा में सोचना चाहिए।

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