रीट विवाद पर सदन में हुआ हंगामा
कांग्रेस-भाजपा विधायक आपस में उलझे, हाथापाई की नौबत आई
– मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भाजपा विधायक से ब्लैक पेपर, हंगामे के बाद सदन स्थगित
– चार भाजपा विधायक के निलंबन के विरोध में सदन में धरने पर बैठे विधायक
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को हंगामे की स्थिति रही। रीट परीक्षा को रद्द करने और सीबीआई जांच की तख्तियां लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे भाजपा विधायकों की कांग्रेस विधायकों से भिड़ंत हो गई। हाथापाई की नौबत तक आ गई। केबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भाजपा विधायक रामलाल शर्मा से ब्लैक पेपर छीन लिए। जिस पर विरोध ज्यादा बढ़ गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आमने-सामने हो गए। हंगामे को देखते हुए कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में कार्यवाही शुरु हुई तब भी विपक्ष ने विरोध जारी रखा। वे रीट परीक्षा को रद्द करने और मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करते रहें। सदन में तख्तियां लहराते रहे। उधर, हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही भी चलती रही।
राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान बीजेपी विधायक मंत्रियों की सीट के आगे तक वैल में नारेबाजी कर रहे थे। इस बीच खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बीजेपी विधायक रामलाल शर्मा के हाथ से रीट की सीबीआई जांच की मांग वाली तख्ती और ब्लैक पेपर छीन लिए। इस पर भाजपा विधायकों ने विरोध जताया। वहीं दूसरी तरफ खाचरियावास के पक्ष में मंत्रीगण व विधायक आ गए। राज्यपाल के अभिभाषण पर हंगामे के बीच बहस चली। पांच बजे सभापति ने विधानसभा की कार्यवाही  शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाजपा के विधायक सदन में ही धरने पर बैठ गए हैं।
– चार भाजपा विधायक सदन से निलंबित
उधर, माकपा विधायक बलवान पूनिया को बोलने से रोकने और हंगामे के कारण चार बीजेपी विधायकों को बजट सत्र की पूरी अवधि के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया गया है। ससंदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने चारों के निलंबन का प्रस्ताव सदन में रखा, जिसे सदन से मंजूरी दे दी गई। बीजेपी विधायक मदन दिलावर, रामलाल शर्मा, अविनाश गहलोत व चंद्रभान आक्या को बजट सत्र की पूरी अवधि के लिए सस्पेंड कर दिया गया। चारों के निलंबन का प्रस्ताव रखते हुए शांति धारीवाल ने कहा कि चारों विधायको ने माकपा विधायक बलवान पूनिया को राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलने से रोका। उनके कागज छीने और गालियां दीं। इसलिए इन चारों को सस्पेंड करना चाहिए।
इससे पहले तीन बार कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोपहर को विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी और कांग्रेस विधायक आमने-सामने हो गए। राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान विधायकों के बीच छीनाझपटी जैसे हालात हो गए।
– भाजपा राज में कई पेपर लीक हुए, एक में भी सीबीआई व एसओजी जांच नहीं
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने गुरुवार को विधानसभा में गृहमंत्री की तरफ  से जवाब देते हुए सदन को आश्वस्त किया कि परीक्षाओं में पेपर लीक होने के मामले को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा विधेयक तैयार कर लिया है। विधेयक में कड़े प्रावधान किए गए है जिससे इस तरह की अनियमितताएं नहीं हो सके। इसी सत्र में इस विधेयक को प्रस्तुत किया जाएगा। धारीवाल प्रश्नकाल में विधायक बलजीत यादव द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। धारीवाल ने कहा कि गत सरकार के कार्यकाल में रीट का पेपर दो बार 2016 तथा 2018 में आउट हुआ था। गत सरकार के कार्यकाल में पांच बार पेपर लीक हुए थे। 2014 में आरएएस,आरजेएस, 2013 में एलडीसी, 2018 जेल प्रहरी के भी पेपर लीक हुए थे, लेकिन धारीवाल ने कहा कि तत्कालीन सरकार द्वारा एक भी प्रकरण सीबीआई तो दूर एसओजी को भी नहीं सौंपा गया था।
– सत्ता पक्ष ने सदन को किया कलंकित: सतीश पूनिया
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि आज सदन का दिन सत्ता पक्ष ने कलंकित किया है। सीबीआई जांच की मांग को लेकर बीजेपी विधायक लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे थे। सत्ताधारी विधायकों ने विपक्ष के सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की की। मातृशक्ति की मौजूदगी में मंत्रियों ने भद्दी गाली-गलौच भी की गई। रीट परीक्षा के मामले में चोरी पकड़े जाने पर कांग्रेस बौखला गई है.

रीट परीक्षा को लेकर सदन में हुए हंगामे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात में 13 फरवरी को प्रस्तावित नॉन सेक्रेटेरिएट क्लर्क की परीक्षा को स्थगित किया गया है। यह परीक्षा चार सालों में तीन बार स्थगित की गई है। विभिन्न राज्यों में पेपर लीक, नकल, फर्जी डिग्री आदि के संगठित गिरोह से सभी परीक्षाओं में परेशानियां आ रही हैं।  गहलोत ने कहा कि राज्यों में हुए पेपर लीक की जांच वहां की एजेंसियों ने ही की। बीजेपी बताए कि इन सब भर्तियों की जांच सीबीआई को क्यों नहीं दी। प्रदेश के युवाओं को भड़काकर भाजपा जिस तरह का हिंसात्मक माहौल बनाया। उसके कारण रीट लेवल 2 की परीक्षा रद्द की गई। इससे करीब 15 हजार युवाओं की आशाओं को धक्का लगा। अब विधानसभा की कार्यवाही में व्यवधान पैदा कर बीजेपी राज्य के विकास के मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देना चाहती है। हमारी सरकार पेपर लीक, नकल एवं परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर कठोर कानून वाला बिल लेकर आ रही है। अकारण भाजपा सदन में हंगामे कर रही है। बीजेपी के नेता किसी के इशारे पर लगातार हंगामा करने की नीति बनाए हुए हैं, जिससे समय पर भर्ती संभव ना हो एवं सरकार को बदनाम कर सकें। इस तरह विधानसभा में विपक्ष अब राज्य के विकास के मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय सदन की गरिमा को तार-तार करने का कार्य कर रहा है।

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