जयपुर। जैसलमेर-बीकानेर में फर्जी नामों से हजारों बीघा जमीन क्रय-विक्रय करने के अपराध में 22 दिसंबर को गिरफ्तार किए गए प्रॉपर्टी डीलर जय प्रकाश और मुख्य अभियुक्त महेश नागर का कर्मचारी अशोक कुमार की जमानत अर्जियों पर ई डी मामलों की विशेष अदालत में जज नरेन्द्र कुमार शर्मा 5 जनवरी को सुनवाई करेगें। दोनों आरोपी 12 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।
प्रकरण के अनुसार आरोपियों ने 2०11 से 2०15 तक 3993 बीघा जमीन खरीदी थी। बेनामी खरीदी गई उपरोक्त जमीन 34 गांवों के लोगों को महाजन फील्ड फायरिग रेंज के लिए अवाप्त जमीनों के प्रभावित किसानों को मुआवजे के रुप में आवंटित की गई थी। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की चार कंपनियों ने भी गजनेर-बीकानेर में 22 लोगों से, जो एक भी स्थानीय नहीं था करीब 126० बीघा जमीन खरीदी गई थी। ईडी के अनुसार अभी तक 2733 बीघा जमीन का सौदा नहीं हुआ है। तिगांव-फरीदाबाद के एमएलए ललित नागर के भाई महेश नगर को ईडी ने मुख्य अभियुक्त मान रही है। ईडी महेश नागर व अशोक कुमार के ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुकी है। कोलायत एवं गजनेर थाने में प्रॉपर्टी डीलर जय प्रकाश के खिलाफ 18 एफआईआर दर्ज हुई थी, जिनमें दो में अशोक कुमार भी आरोपी है। अशोक के नाम से महेश नागर ने पावर आॅफ अटोर्नी के जरिये 268.88 बीघा जमीन खरीद की गई थी। ईडी ने जयप्रकाश एवं अशोक को 22 दिसम्बर को गिरफ्तार कर कोर्ट से 3० दिसम्बर तक रिमाण्ड पर लिया था।